अपनी बेटियों के लिए ये भूमिका निभाना चाहते हैं कमल हासन
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KANPUR: कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम 2 जल्द ही रिलीज होने वाली है। इस फिल्म के प्रमोशन के लिए हाल ही में कमल हासन मुंबई आए थे। इस दौरान जागरण डॉट कॉम से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह महसूस करते हैं कि हर पेरेंट्स को अपने बच्चे को इतनी छूट देनी चाहिए कि वह जिंदगी में क्या करना चाहते हैं। उन्हें करने का मौका दें।
बच्चे फ्रीडम का न उठाएं फायदा
कमल कहते हैं कि वे बच्चे जिन्हें पहले से अपने पेरेंट्स की वजह से थोड़ी छूट और कुछ हद तक फायदा मिलता है और अगर उन्हें वे सारी सुख-सुविधाएं मिलती हों, तो यह एक अच्छी बात है। इससे बच्चे को एक सम्मान के रूप में देखना चाहिए और उससे आगे के बारे में अपनी पहचान बनाने के बारे में सोचना बेटियों को लेकर क्या है कमल हासन की चाहत चाहिए। वरना, उन लोगों के बारे में सोचिए, जिनके पेरेंट्स ही नहीं होते हैं। वह अपनी जगह कैसे बनाते होंगे।
बनना चाहते हैं बेटियों के मेंटर
कमल कहते हैं कि यह सच है कि मुझे मेरी जिंदगी में बालचंद्र जैसे गुरु मिले, जिन्होंने मुझे जिंदगी में आगे बढ़ने का मौका दिया और मेरी कमियों और खूबियों दोनों को ही बताया। आगे कमल कहते हैं कि वह विश करते हैं कि कभी वह उस तरह के मेंटर अपनी बेटियों के लिए भी बन पाते तो उन्हें बहुत खुशी मिलती। वह अच्छे डायरेक्टर, अच्छे मेंटर के साथ काम, ज्यादा से ज्यादा फिल्में करें। यही जरूरी है। कमल कहते हैं कि उन्हें खुशी मिलती अगर बालचंद्र आज जिंदा होते तो मेरी बेटियों को भी उनसे सीखने का मौका मिलता।
KANPUR: कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम 2 जल्द ही रिलीज होने वाली है। इस फिल्म के प्रमोशन के लिए हाल ही में कमल हासन मुंबई आए थे। इस दौरान जागरण डॉट कॉम से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह महसूस करते हैं कि हर पेरेंट्स को अपने बच्चे को इतनी छूट देनी चाहिए कि वह जिंदगी में क्या करना चाहते हैं। उन्हें करने का मौका दें।
कमल कहते हैं कि वे बच्चे जिन्हें पहले से अपने पेरेंट्स की वजह से थोड़ी छूट और कुछ हद तक फायदा मिलता है और अगर उन्हें वे सारी सुख-सुविधाएं मिलती हों, तो यह एक अच्छी बात है। इससे बच्चे को एक सम्मान के रूप में देखना चाहिए और उससे आगे के बारे में अपनी पहचान बनाने के बारे में सोचना बेटियों को लेकर क्या है कमल हासन की चाहत चाहिए। वरना, उन लोगों के बारे में सोचिए, जिनके पेरेंट्स ही नहीं होते हैं। वह अपनी जगह कैसे बनाते होंगे।
बनना चाहते हैं बेटियों के मेंटर
कमल कहते हैं कि यह सच है कि मुझे मेरी जिंदगी में बालचंद्र जैसे गुरु मिले, जिन्होंने मुझे जिंदगी में आगे बढ़ने का मौका दिया और मेरी कमियों और खूबियों दोनों को ही बताया। आगे कमल कहते हैं कि वह विश करते हैं कि कभी वह उस तरह के मेंटर अपनी बेटियों के लिए भी बन पाते तो उन्हें बहुत खुशी मिलती। वह अच्छे डायरेक्टर, अच्छे मेंटर के साथ काम, ज्यादा से ज्यादा फिल्में करें। यही जरूरी है। कमल कहते हैं कि उन्हें खुशी मिलती अगर बालचंद्र आज जिंदा होते तो मेरी बेटियों को भी उनसे सीखने का मौका मिलता।
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