- अपनी स्पेशियलिटी शेयर करेंगे सीबीएसई स्कूल

- बोर्ड पांच स्कूलों के बीच एक हब बनाएगा, जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे के स्कूल में क्लास ले सकेंगे टीचर

- कई और बदलाव भी, दूसरे बोर्ड से आने वाले स्टूडेंट को सीबीएसई को देनी होगी 5 हजार एडमिशन फीस

KANPUR: सीबीएसई एजूकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए लगातार बदलाव कर रहा है। इसी के तहत बोर्ड ने पांच स्कूलों के बीच एक हब बनाया है जो कि आपस में अपनी स्पेशियलिटी व इनोवेटिव टेक्नोलॉजी को शेयर करेंगे। जरूरत पड़ने पर टीचर एक दूसरे के स्कूल में क्लास भी ले सकेंगे। यह जानकारी सीबीएसई के सिटी कोऑर्डिनेटर व गुरुनानक मॉर्डन स्कूल के प्रिंसिपल बलविंदर सिंह ने दी। उन्होंने कहा इस बदलाव का उद्देश्य स्टूडेंट के ओवरऑल डेवलपमेंट पर फोकस करना है।

अटेंडेंस पर भी सख्त रवैया

कोऑर्डिनेटर ने बताया कि अब दूसरे बोर्ड से आने वाले स्टूडेंट को जांच-पड़ताल के बाद ही एडमिशन दिया जाएगा। पेरेंट्स को भी कई सवालों के जवाब देने होंगे। साथ ही उसे 5 हजार रुपए एडमिशन फीस जमा करनी होगी, जो बोर्ड के खाते में जाएगी। अटेंड्स के मैटर पर भी बोर्ड का रवैया सख्त है। स्पेशल केस में ही गहनता से जांच के बाद अटेंडेंस में राहत दी जाएगी। जैसे कोई स्टूडेंट नेशनल लेवल पर गेम्स में पार्टिसिपेट कर रहा है या भी बीमार होने की कंडीशन में। उन्होंने यह भी बताया कि एग्जाम पैटन में कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं। प्रैक्टिकल एग्जाम भी दूसरे सेंटर पर कराने का प्लान तैयार किया गया है।

-------------

बोर्ड बहुत से बदलाव करने की दिशा में काम कर रहा है। स्कूल हब बनाने के डायरेक्शन काफी पहले मिल गए थे। अदर बोर्ड के स्टूडेंट्स के एडमिशन पर भी न्यू गाइड लाइन मिली हैं। स्टूडेंट्स के ओवरऑल डेवलपमेंट पर काम चल रहा है।

नितिन तिवारी, मंटोरा पब्लिक स्कूल कल्यानपुर

बोर्ड ने हब का जो सिस्टम बनाया है वह निश्चित ही स्कूलों के टीचर के साथ साथ स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद साबित होगा। इसमें इनोवेटिव टेक्नोलॉजी का अदान प्रदान स्कूल के बीच होगा। बोर्ड ने इस पर अमल करने के लिए डायरेक्शन काफी पहले जारी कर दिए थे।

भावना गुप्ता, प्रिंसिपल सर पदमपत सिंहानिया एजूकेशन सेंटर

स्टूडेंट्स की बेहतरी के लिए बोर्ड लगातार प्रयास कर रहा है। टीचर को भी अपना काम दिखाने का अवसर हब में मिलेगा। अगर किसी इनोवेटिव एजूकेशन पर फोकस किया है तो उसका फायदा मिलेगा। बोर्ड की कोशिश है कि हर हाल में स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा दी जाए।

अर्चना निगम, प्रिंसिपल डीपीएस कल्यानपुर