दिल्ली (एएनआई)। Kanwar Yatra 2023 : सावन के महीने के साथ ही कांवड़ यात्रा का शुभारंभ भी हो गया है। कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में शिव भक्त शिव जी की आराधना करने के लिए निकलते हैं। देश भर में जगह-जगह भव्य कांवड़ यात्रा निकलती है। इसके चलते सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार से शुरू होने वाली आगामी कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है। 15 जुलाई को समाप्त होने वाली इस यात्रा में दिल्ली से 15-20 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। वहीं कई कांवरियों (श्रद्धालुओं) के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है, उनमें से कुछ दिल्ली की सीमाओं के माध्यम से हरियाणा और राजस्थान की यात्रा करेंगे। इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने कहा, कांवड़ ले जाने वाले श्रद्धालु अप्सरा बॉर्डर, भोपुरा बॉर्डर, महाराजपुर बॉर्डर के नीचे से होकर गुजरेंगे।

उत्तराखंड में भी भव्य यात्रा

वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा में देवभूमि उत्तराखंड आने वाले शिव भक्तों का स्वागत किया। राज्य सरकार ने शिव एवं गंगा भक्तों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रभावी व्यवस्था की है। सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के सुचारु संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा अलग से बजट की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार द्वारा श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। देवभूमि उत्तराखंड में इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु चारधाम और कांवड़ यात्रा पर आ रहे हैं। अब तक 35 लाख से अधिक पंजीकृत श्रद्धालु चारधाम दर्शन के लिए आ चुके हैं।

जानें क्या है कावंड़ यात्रा

कांवड़ (एक बांस या डंडा जिसके दोनों छोर पर दो टोकरियां लटकी होती हैं)। 'कांवड़ यात्रा' भगवान शिव के भक्तों के लिए एक वार्षिक तीर्थयात्रा है। कांवरिया गंगा नदी का पवित्र जल लाने के लिए उत्तराखंड में हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री और बिहार के सुल्तानगंज जैसे स्थानों पर जाते हैं और फिर उस जल से भगवान की पूजा करते हैं।

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