डिप्टी जेलर के खिलाफ जेलर के जरिए पूर्व में लिखे गए पत्र पर नहीं हुई कार्रवाई

जेल में अराजतत्वों को बुलाते थे डिप्टी जेलर, बंदी दीपक के फरारी कांड के बाद उजागर हुआ मामला

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KAUSHAMBI ( 10 July ): जेल से बंदी दीपक के फरार होने के बाद जेल की करतूत प्यार के परत की तरह उधड़ रही है। जेलर को टिप्टी जेलर पर पहले से ही शक था। उन्होंने इस बात को लेकर कई दफा अधिकारियों को पत्र लिखा। मगर उनके पत्र को तवज्जो नहीं मिला। उनका पत्र एसपी तक पहुंचा उनके दफ्तर में ही किसी ने दबा दिया अब यह मामला भी जांच का विषय बन गया है।

जेलर का पत्र बना जांच का विषय

कौशांबी थाने के हिसामबाद का रहने वाला दीपक पांडेय 30 जून को इलाज कराने के बहाने बंदी रक्षक सुनील गौड़ और अवधेश कुमार के साथ जेल से बाहर आया। जिला अस्पताल दीपक को लाने के बजाय बंदी रक्षक सीधे उसे बोलेरो में बैठाकर उसके घर ले गया। यहीं से दीपक बंदी रक्षकों को चकमा देकर भाग निकला था। इस मामले में मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने बंदी रक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके उन्हे जेल भेज दिया है। दीपक की गिरफ्तारी के बाद उसके बयान से पता चला कि उसे फरार कराने में डिप्टी जेलर डीके सिंह की भूमिका थी। पुलिस ने मुकदमें में डीके सिंह का नाम प्रकाश में ला लिया है। घटना के बाद से डिप्टी जेलर अपनी मेज में अवकाश का पत्र रखकर फरार हो गए हैं। इस मामले में रोजाना नई बाते सामने आ रही है। जेल अधीक्षक ने पहले ही जेल के अफसरों और शासन को पत्र लिखकर डीके सिंह की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे।

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जेल में बुलाए जाते थे अराजकतत्व

डिप्टी जेलर से मिलने के लिए अराजकतत्व आते थे। जेलर की भूमिका पहले से ही संदिग्ध थी। वह जेल में अपनी अलग हुकूमत चलाना चाहते थे। इस बाबत कई बार जेल के अफसरों और शासन को पत्र लिखकर उनके तबादले के लिए लिखा गया था। अब दीपक की फरारी में पुलिस की जांच से साबित हुआ है कि डिप्टी जेलर के इशारे पर बंदी फरार हुआ था।

एचआर दोहरे, जेल अधीक्षक