गुजरात में नरेंद्र मोदी हैट्रिक मारने की तैयारी में हैं. उन्होंने मणिनगर से अपनी सीट तो जीत ही ली है साथ ही अभी तक जो रूझान सामने आए हैं उनमें भी वे सेंचुरी मारते हुए दिख रहे हैं. इन चुनावों से पहले उन्हें खुले तौर पर चुनौती देने वाले उनके पूर्व सहयोगी केशुभाई पटेल को हार का मुंह देखना पड़ा है. इलेक्शन सवे पहले मोदी को पटखनी देने का दावा करने वाले केशुभाई पटेल मोदी के सामने फीके पड़ते दिखे. केशुभाई पटेल की पार्टी गुजरात परिवर्तन पार्टी फिलहाल गुजरात में कोई परिवर्तन नहीं ला पाई है.

केशुभाई नहीं बदल पाए चुनावी आंकड़े

इलेक्शन से पहले कांग्रेस को भी केशुभाई पटेल से काफी उम्मीदें थीं. कभी बीजेपी से गुजरात के चीफ मिनिस्टर रहे और संघ से पुराना रिश्ता रखने वाले केशुभाई पटेल इस इलेक्शन में मोदी की जड़ें काटने की तैयारी में थे. जिसके लिए उन्होंने इलेक्शन से पहले अपनी नई पार्टी बनाई थी. इस तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे कांग्रेस को सपोर्ट करेंगे. खुद केशुभाई को भी उम्मीद थी कि वे मोदी के वोट बैंक पर हल्ला बोलेंगे. मगर केशुभाई के आने से न मोदी को नुकसान हुआ और न ही कांग्रेस को फायदा. उल्टा केशुभाई पटले का पॉलिटिकल करियर लगभग खत्म हो गया.

बगावत से मिली हार

बीजेपी में नरेंद्र मोदी के बढ़ते कद की वजह से केशुभाई पटेल ने बीजेपी से बगावत की थी. जिसके बाद वे मोदी के सामने कई बार खुली चुनौती पेश करते हुए नजर आए थे. मगर अब जब बीजेपी ने भी मोदी का लोहा मान लिया है तो केशुभाई पटेल उनके सामने कहां टिकने वाले थे.

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