31 अगस्त 1995 को पंजाब सेक्रेट्रिएट के गेट के सामने एक हृयूमन बॉम्ब से सुसाइडल अटैक करके पंजाब के फॉरमर चीफ मिनिस्टर बेअंत सिंह का मर्डर कर दिया गया था. इस केस में कल्पिट बब्बर खालसा के टेरेरिस्ट जगतार सिंह तारा को मंडे नाइट थाइलेंड बैंकाक से अरैस्ट कर लिया गया है. इस केस में तारा सहित 4 लोग शामिल थे, जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्योरा और देवी सिंह जो 2004 में चंडीगढ़ के बुरैल जेल में 90 फीट सुरंग खोदकर फरार हो गए थे.

बाद में इनमें से एक हवारा को दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने पटियाला में अरेस्ट किया था, जबकि दूसरे भ्योरा को जम्मू में अरेस्ट किया था. तीसरे बंदे देवी सिंह के बारे में पुलिस को अभी भी कोई इंफार्मेशन नहीं मिली है. खबर है कि जगतार सिंह तारा नेपाल से होकर पाकिस्तान पहुंच गया था. ये भी न्यूज मिली है कि थाइलैंड में भी तारा जिस घर से अरेस्ट हुआ है वहां उसे पाकिस्तानी इंटैलिजेंस एजेंसी के सर्पोट से शेल्टर मिला हुआ था.

इस मर्डर केस के मास्टरमाइंड बलवंत सिंह राजोआना को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी पर सिख कम्यु्निटी के कुछ रिलीजियस ग्रुप के अपोज करने पर इसे रोक दिया गया. राजोआना 2012 से अब तक पटियाला जेल में बंद है.

जेल से भागने के बाद हवारा, भ्योरा और तारा ने मिल कर अपना टैरेरिस्ट ग्रुप खलिस्तान टाइगर फोर्स फॉर्म किया. इस सुसाइडल अटैक में दिलावर सिंह जयस्गिंवाला हृयूमन बॉम्ब था और राजोआना स्टैडबाई बॉम्ब था. इसी लिए उसे भी मर्डर प्लानिंग का कल्पिट समझा गया. पाकिस्तानी पासपोर्ट पर थाइलैंड पहुंचे तारा को खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के चीफ हरमिंदर सिंह ऊर्फ मिट्टू के साथ ट्रैक किया गया जहां से वो अरैस्ट हुआ. देवी सिंह के बारे में अंदाजा है कि वो अभी भी पाकिस्तान में कहीं छुपा हुआ है.

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