-सुबह 10 बजे के बाद भी शहर में नगर निगम की कूड़ा लदी गाडि़यों के दौड़ने से फैल रही दुर्गध

-राह चलते गंदगी से लोगों को हो रही दुश्वारी, निगम नहीं दे रहा है नियम का ध्यान

नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था ठप हो रही है। सिटी में जहां जगह-जगह बने कूड़ाघर और सड़कों पर रखे डस्ट कॉम्पैक्टर में कूड़ा जमा रहता है। वहीं ट्रकों से भरे कूड़ों को अल सुबह से देर शाम तक भेजा जा रहा है। इसकी वजह से पीक आवर में जहां ट्रैफिक जाम हो रहा है। वहीं गाडि़यों में लदे बदबूदार कूड़े शहर की फिजा को बिगाड़ रहे हैं। इससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है। यही नहीं गली मुहल्लों में बेतरतीब फैले कूड़े से उठने वाली दुर्गन्ध से आसपास के लोगों का रहना मुश्किल हो रहा है। दिनभर कूड़ा गाडि़यों के आने-जाने से रथयात्रा, सिगरा, महमूरगंज, डीएलडब्ल्यू, चितईपुर जैसे तमाम एरिया में जाम लगा रहता है।

वाहन बन रहे कारण

नगर निगम के छोटे वाहन गलियों, मोहल्लों से जब कूड़ा लेकर कूड़ाघर पहुंचते हैं तो उसे गिराते समय कर्मियों की लापरवाही से काफी कूड़ा बाहर आ जाता है। कूड़ा घर से डंपर व अन्य गाडि़यों द्वारा डिस्पोजल के लिए कूड़ा निस्तारण केन्द्र तक जाने के दौरान रास्तेभर बदबू फैलती रहती है। वैसे तो नियम यह है कि रात 10 बजे से सुबह 10 बजे तक कूड़ा घरों से कूड़ा उठाकर डिस्पोजल के लिए करसड़ा ले जाया जाए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक गाडि़यों का आना जाना लगा रहता है। इसकी फिक्र न ट्रैफिक डिपार्टमेंट को है और न जिला प्रशासन को।

फैला रहता है कूड़ा

इंदौर से लेकर लखनऊ, कानपुर, समेत कई स्मार्ट सिटीज में कूड़ाघर इस तरह बनाए गए हैं, जहां से दुर्गन्ध बाहर नहीं आ पाता है और कूड़ा भी नहीं फैलता है। लेकिन बनारस में ऐसा नहीं है। यहां बने कूड़ाघरों में गेट तो लगे हैं लेकिन कई के खराब भी हो चुके हैं, जिनके ठीक हैं उन्हें बंद कर दवा का छिड़काव भी नहीं होता। कूड़ाघर में क्षमता से अधिक कूड़ा डाल दिया जाता है। और उसे समय से उसे हटाया भी नहीं जाता।

इतने इंतजाम तो भी व्यवस्था धड़ाम

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कूड़ाघर हैं शहर में

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बार होता है कूड़ाघर से कूड़े का उठान

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छोटे-बड़े वाहन हैं निगम के पास कूड़ा उठाने के लिए

2800

सफाईकर्मी निगम में

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निजी एजेंसियां भी कराती हैं सफाई

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कूड़ा निस्तारण प्लांट करसड़ा में

यह सही है कि देर शाम तक कूड़ा गाडि़यां सड़कों पर दौड़ रही है। शहर में जरुरत से ज्यादा कूड़ा निकल रहा है। इसकी वजह से कूड़ा घरों से कूड़ा खत्म ही नहीं होता। जब तक वरुणा पार क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण प्लांट नहीं बन जाता तब तक समस्या का समाधान मुश्किल है।

राम सकल यादव, नगर स्वास्थ्य अधिकारी