नई दिल्ली (आईएएनएस)। Land For Job Scam : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को पूर्व रेल मंत्री लालू यादव और अन्य से जुड़े जमीन के बदले नौकरी घोटाले में आगे की जांच के लिए बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास का दौरा किया। एजेंसी के अधिकारियों ने न्यूज आईएएनएस को बताया कि यह दौरा किसी छापे या तलाशी अभियान के लिए नहीं था, बल्कि घोटाले के सिलसिले में पूर्व मंत्री से पूछताछ के लिए था। वहीं इस मामले में विपक्षी नेताओं ने केंद्र पर होली के त्योहार पर राबड़ी देवी के घर पर छापेमारी करने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। सीबीआई ने कहा, "हम मामले की आगे जांच कर रहे हैं।" राबड़ी देवी, लालू प्रसाद और अन्य को दिल्ली की राउज एवेन्यू जिला अदालत ने 15 मार्च को तलब किया है। सीबीआई को इस मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिल गई है। सीबीआई ने जनवरी में संबंधित अदालत के समक्ष अभियोजन स्वीकृति पत्र प्रस्तुत किया। इसने अक्टूबर में इस मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी, बेटी, तत्कालीन जीएम, मध्य रेलवे, तत्कालीन सीपीओ, निजी व्यक्तियों, उम्मीदवारों सहित 16 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

उम्मीदवारों ने फर्जी टीसी का इस्तेमाल किया
इस मामले की जांच से पता चला था कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रची थी। जांच एजेंसी के अनुसार भूमि के बदले में या तो उनके नाम पर या उनके करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया गया था। यह जमीन मौजूदा सर्किल रेट से कम कीमत पर और बाजार रेट से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी। उम्मीदवारों ने फर्जी टीसी का इस्तेमाल किया था और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए थे। यह भी सामने आया कि लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को नौकरी चाहने वालों द्वारा जमीन के बदले नौकरी घोटाले के संबंध में जमीन उपहार में दी गई थी। इन्हें बाद में रेलवे में नियुक्त किया गया था। रेलवे कर्मचारी हरिदयानंद चौधरी और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।भोला 2004 से 2009 के बीच लालू का ओएसडी था।

जानें क्या है जमीन के बदले नौकरी घोटाला
सीबीआई ने तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें अज्ञात लोक सेवक और निजी व्यक्ति शामिल हैं। 2004-2009 के बीच, लालू यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह "डी" पद पर नियुक्तियों के एवज में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। पटना के कई निवासियों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू यादव के परिवार के सदस्यों और यादव और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी को अपनी जमीन बेच दी। जोनल रेलवे में नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी नियुक्त व्यक्ति जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में नियुक्त किया गया था।

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