नई दिल्ली (एएनआई)। Land For Job Scam : जमीन के बदले नौकरी देने के घोटाले में आरोपित राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, उनके परिजनों व उनके करीबियों पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता ही जा रहा है। प्प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में राष्ट्रीय राजधानी में बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर भी छापा मारा। ईडी की टीम राजद नेता से नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर 11 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी व पूछताछ करने के बाद रवाना हुई। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली में लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती के साथ-साथ बिहार में राजद के नेता और पूर्व विधायक अबू दोजाना के आवास पर छापेमारी की गई। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली, एनसीआर और बिहार में 15 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की जा रही है। ईडी की कई टीमों ने इन स्थानों पर एक साथ तलाशी ली, जिसमें संदिग्धों के आवासीय और कार्यालय परिसर और कथित भूमि-के-नौकरी घोटाले के लाभार्थी शामिल थे। ईडी ने मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले का संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर करने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत ये तलाशी ली।

लालू प्रसाद से करीब पांच घंटे तक पूछताछ

सीबीआई की एक टीम द्वारा नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद से पूछताछ के कुछ दिनों बाद संघीय एजेंसी ने ये तलाशी ली थी। सीबीआई ने मंगलवार को दो सत्रों में लालू प्रसाद से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। सीबीआई ने सोमवार को लालू प्रसाद की पत्नी, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से भी उनके पटना (बिहार) स्थित आवास पर पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। सीबीआई पहले ही लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दायर कर चुकी है। दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने लालू प्रसाद और अन्य आरोपियों को 15 मार्च को पेश होने के लिए सम्मन जारी किया था।

अब तक इन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है

सीबीआई ने इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है- भोला यादव, जो लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके विशेष कार्य अधिकारी थे। हृदयानंद चौधरी, एक रेलवे कर्मचारी और घोटाले का कथित लाभार्थी व धर्मेंद्र राय एक अन्य कथित लाभार्थी है।सीबीआई ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद और उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने 2004 से 2009 के बीच जब वह रेल मंत्री थे, भारतीय रेलवे में नौकरी के लिए रिश्वत के रूप में जमीन के भूखंड प्राप्त किए थे। एजेंसी ने जांच के सिलसिले में पिछले साल अगस्त में करीब दो दर्जन स्थानों पर तलाशी भी ली थी।

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