लश्कर ए तैयबा के प्रवक्ता डॉक्टर अब्दुल्ला गज़नवी ने श्रीनगर में मौजूद बीबीसी संवाददाता रियाज़ मसरुर को फोन पर बताया, '' अफ़ज़ल को फांसी से चढ़ाने से ही सब कुछ खत्म नहीं हुआ है. बहुत जल्द ही भारत को इस कदम का नतीजा भुगतना होगा.''

इस प्रवक्ता ने लश्कर ए तैय्यबा के चीफ ऑपरेशन कमांडर का हवाला देते हुए कहा, ''अफ़जल गुरु मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरी किए बिना और इतनी जल्दबाज़ी में उन्हें फांसी पर चढ़ाया जाने का कदम एक बार फिर साबित करता है कि भारत में सभी सरकारें सत्ता में रहने के लिए मुसलमानों की भावनाओं की कदर नहीं करती हैं.''

इस गुट ने नई दिल्ली में सरकार से समझौता एक्सप्रेस के हमले में लिप्त पाए गए लोगों को फांसी दिए जाने की तारीख़ों की जानकारी देने की मांग की है.

उनका कहना था, ''भारत सरकार ने खुद अपनी जांच में ये पता लगाया है कि समझौता एक्सप्रेस में हुए धमाके को हिंदू आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. अब इन लोगों को कब फांसी दी जाएगी?''

भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा में पानीपत के नजदीक धमाका हुआ जिसमें 68 लोग मारे गए और 12 घायल हो गए. मरने वालों में ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे.

'हौसले पस्त नहीं'
इस बीच, भारत प्रशासित कश्मीर में सक्रिय चरमपंथी संगठन अल उमर मुजाहिदीन के सुप्रीम कमांडर होने का दावा करते हुए मुश्ताक अहमद ज़रगर ने बीबीसी के दिल्ली दफ्तर में फोन कर कहा कि अफ़ज़ल गुरु को फांसी देने से उनके हौसले पस्त नहीं होंगे.

ज़रगर का कहना था, ‘‘ अफज़ल गुरु को फांसी दिए जाने से हमारे ऊपर कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा. हम कोई बातचीत नहीं करेंगे. कश्मीर छीन कर लेंगे और जिहाद ही एकमात्र रास्ता है कश्मीर की आज़ादी का.’ मुश्ताक अहमद ज़रगर ने बीबीसी को फोन पर बताया कि उनका संगठन भारत सरकार या कश्मीर की सरकार से बातचीत भी नहीं करना चाहता है.

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार ग़लतफ़हमी में न रहे. हम कश्मीर छीन के लेंगे. वो चाहे तो कश्मीरियों को फांसी पर चढ़ा दे. मुसलमानों को फांसी दे दे लेकिन हम पर फर्क नहीं पड़ेगा. हम लड़ते रहेंगे.’’

अफज़ल गुरु को दी गई फांसी के विरोध में कश्मीर में तीन दिन की हड़ताल का आह्वान किया गया है. उल्लेखनीय है कि अफज़ल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद कश्मीर में कुछ झड़पें भी हुई हैं और माहौल तनावपूर्ण बताया जाता है.

जिम्मेदारी
वहीं कश्मीर के सियासी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा है कि उमर अब्दुल्ला अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते हैं.

पीडीपी के नेता नईम अख्तर ने टीवी चैनलों से कहा, “अफज़ल गुरू को फांसी देने का फैसला सरकार का हो सकता है लेकिन अब्दुल्ला भी इसी गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं. वह भी अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते हैं.

पार्टी ने अफज़ल गुरू का शव परिवार वालों को सौंपने की मांग की है और राज्य में शांति बरतने की भी अपील की है.

 


 

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