नई दिल्ली (पीटीआई)। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मुख्तार अब्बास नकवी ने मुस्लिम महिलाओं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 की पहली वर्षगांठ के अवसर पर एक कार्यक्रम में एक वीडियो लिंक के जरिए देश भर से मुस्लिम महिलाओं को संबोधित किया। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी मुस्लिम महिलाओं को संबोधित किया। इस अवसर पर नकवी ने कहा कि कानून के लागू होने के बाद, ट्रिपल तलाक के मामलों में भारी कमी आई है। 1 अगस्त वह दिन है जिस दिन मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक की सामाजिक बुराई से मुक्त किया गया था और इसे देश के इतिहास में 'मुस्लिम महिला अधिकार दिवस' के रूप में दर्ज किया गया है।

वोटों के लिए इस सामाजिक बुराई को राजनीतिक संरक्षण मिला था

केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक, मौलिक और लोकतांत्रिक अधिकार मजबूत हुए हैं। ट्रिपल तलाक या तलाक-ए-बिद्दत न तो इस्लामिक था और न ही कानूनी, लेकिन वोटों के व्यापारियों द्वारा इस सामाजिक बुराई को राजनीतिक संरक्षण दिया गया था। ट्रिपल तलाक जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ कानून 1986 में पारित किया जा सकता था जब सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया था।

ट्रिपल तलाक के मामलों में करीब 82 फीसदी की गिरावट आई

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 545 लोकसभा सदस्यों में से 400 से अधिक और राज्यसभा में 245 सदस्यों में से 159 से अधिक के साथ संसद में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत था, लेकिन तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने संसद में अपनी ताकत का इस्तेमाल कर निर्णय को निष्प्रभावी बना दिया। नकवी ने कहा ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून को पारित हुए एक साल बीत चुका है और ट्रिपल तलाक के मामलों में करीब 82 फीसदी की गिरावट आई है।

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