इसराइली अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

क़रीब दो मीटर लंबे पंखों वाला यह गिद्ध इसराइली सीमा से उड़कर आया था, जिसे मंगलवार को लेबनान के ग्रामीणों ने पकड़ा था।

इसकी पूँछ से एक ट्रैकिंग उपकरण लगा था जिसकी वजह से लोगों ने इसे जासूस समझा।

जासूसी के 'आरोपों से मुक्त' गिद्ध लौटा

असल में यह उपकरण मध्यपूर्व में गिद्धों की प्रजाति बचाने के लिए चल रहे एक प्रोजेक्ट के तहत लगाया गया था।

वन्यजीव अधिकारियों ने कहा है कि इस गिद्ध को पिछले साल स्पेन से ख़रीदा गया था और एक महीने पहले इसे इसराइल के नियंत्रण वाले इलाक़े गोलन हाइट्स के गामला प्राकृतिक पार्क में छोड़ा गया था।

तेल अवीव विश्वविद्यालय इस पक्षी में लगे जीपीएस उपकरण के ज़रिए इसकी उड़ान पर नज़र रखे है। इसके पैर में एक छल्ले पर लिखा है - ''तेल अवीव विश्वविद्यालय, इसराइल''

सोशल मीडिया पर गिद्ध की तस्वीरें आने के बाद वन्यजीव अधिकारियों को इसका पता लगा।

जासूसी के 'आरोपों से मुक्त' गिद्ध लौटा

लेबनानी मीडिया के मुताबिक़ गांव वालों ने इस गिद्ध को तब छोड़ा जब यह साफ़ हो गया कि यह जासूसी मिशन पर नहीं था। गिद्ध को लगी मामूली चोटों का भी इलाज चल रहा है।

हालांकि यह किसी गिद्ध को इसराइली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद का एजेंट होने के शक में पकड़े जाने का पहला मामला नहीं है।

2011 में सऊदी अरब ने तेल अवीव विश्वविद्यालय का उपकरण लगे एक गिद्ध को हयाल इलाक़े में पकड़ा था।

सऊदी अधिकारियों ने इसे जासूसी का हिस्सा बताया था जबकि इसराइली अधिकारियों ने इससे इनकार किया था।

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