धनबाद: मटकुरिया में 15 वर्षीया छात्रा की हत्या के दोषी सुलेख उर्फ सुरेख को कोर्ट ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 20 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। वारदात 29 अगस्त 2017 की रात की थी। सुलेख ने यह हत्या एकतरफा प्यार में फेल होने के बाद की थी। एडीजे तीन राजीव कुमार सिन्हा की अदालत ने यह सजा सुनाई। 22 फरवरी को कोर्ट ने इस हत्याकांड में सुलेख को दोषी करार दिया था।

क्या है मामला

छात्रा के पिता के फर्द बयान पर 30 अगस्त 2017 को बैंक मोड़ थाने में सुलेख के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में आइओ प्रवीण कुमार ने 27 नवंबर 2017 को सुलेख उर्फ सुरेख के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अदालत ने 21 मार्च 2018 को सुलेख पर धारा 302, 307 और 452 में आरोप गठित किया था। सुलेख ने पुलिस को बताया था कि उसने कई बार छात्रा के सामने प्यार का प्रस्ताव दिया, लेकिन बार-बार वह अपने परिजनों को बता देती थी। इसके बाद सुलेख ने छात्रा की हत्या कर दी थी।

छात्रा के छोटे भाई को किया था लहूलुहान

पिता के मुताबिक, 29 अगस्त 2017 को परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने कमरे में सोने चले गए थे। 15 वर्षीया बेटी और 12 साल का बेटा एक ही कमरे में सो रहे थे। रात करीब 3 बजे बच्चों के चिल्लाने की आवाज आई। उठकर जाना चाहा, तो दरवाजा बाहर से बंद मिला। शोर करने पर पड़ोसियों ने दरवाजा खोला था। भागकर बच्चे के कमरे की तरफ गए। वहां भाई-बहन खून से लथपथ पड़े थे। इस बीच सुलेख पीछे के दरवाजे से भाग निकला था। जख्मी हालत में दोनों को पीएमसीएच ले गए, जहां डॉक्टरों ने बेटी को मृत घोषित कर दिया। उसके शरीर पर भुजाली से वार के कई जख्म थे।