भारत के बगैर न धर्म की कल्‍पना की जा सकती है और न विज्ञान की। भारत में कुछ ऐसे आविष्‍कार किए गए हैं जिनके बल पर ही आज के आधुनिक विज्ञान और दुनिया का चेहरा बदल गया है। सोचिए अगर शून्‍य न होता तो क्‍या हम गणित की कल्‍पना कर सकते थे। दशमलव न होता तो चांद की दूरी करना मुश्‍किल था। खैर इसके अलावा कुछ और भी है जो हमने दुनिया को दिया....आइए पढ़ें पूरी खबर...



2. भारत ने सिखाया इस्पात बनाना :
इस्पात का आविष्कार भी भारत में ही हुआ था। प्राचीन भारत में लोहा और इस्पात के शानदार उपयोग के बारे में उल्लेख है। पश्चिमी जगत को लोहे जब पता चला उससे करीब 2 हजार साल पहले से भारतीय इसका उपयोग करते आ रहे थे।
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4. रेडियो, वायरलेस कम्युनिकेशन :
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मारकोनी को वायरलेस टेलीग्राफी की खोज में उनके योगदान के लिए वर्ष 1909 में भौतिकी के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लेकिन इससे करीब 14 साल पहले भारतीय वैज्ञानिक सर जगदीश चन्द्र बोस ने वर्ष 1895 में ही इसका आविष्कार कर लिया था। इस घटना के दो साल बाद मार्कोनी ने लंदन में इस खोज का प्रदर्शन किया था।
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6. प्लास्टिक सर्जरी :
जी हां, प्लास्टिक सर्जरी पहली बार भारत में की गई थी। वह भी, ईसा से करीब 2 हजार साल पहले। भारत में सर्जरी करने का श्रेय सुश्रुत को जाता है। सुश्रुत ने जिस तरह के सर्जिकल औजार तैयार किए थे। उसी डिजाइन के औजार आधुनिक मेडिकल साइंस में भी इस्तेमाल किए जाते हैं।

8. शैम्पू :
शैम्पू शब्द दरअसल, चम्पू शब्द का अपभ्रन्श है। सिर में तेल लगाकर मालिश की परम्परा बंगाल में 17वीं सदी में शुरू हुई थी। बाद के दिनों में शैम्पू के तौर पर इस परम्परा का विकास हुआ था।

10. शतरंज :
भारत में शतरंज का इतिहास बहुत पुराना है। इस खेल को चतुरंग के रूप में जाना जाता रहा है। इसका आविष्कार 6ठी सदी में गुप्त राजवंश के दौरान किया गया था। उस दौरान यह राजाओं, महाराजाओं का खेल हुआ करता था। बाद में यह जन-साधारण के खेल के रूप में लोकप्रिय हुआ।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari