हमारे देश की पवित्र नदियां कही जानें वाली गंगा यमुना या कावेरी शहरों से निकलने वाले सीवेज और गंदे नालों का बोझ ढो ढोकर भले ही थ चुकी हों लेकिन उनकी सफाई और स्‍वच्‍छता के लिए जिम्‍मेदार हमारी सरकारे और जिम्‍मेदार संस्‍थाओं को सिर्फ बड़ी बड़ी बातें करने से ही फुर्सत नहीं है। अब ऐसे में एक बार फिर से किसी भागीरथ की जरूरत है तो नदियों को साफ सुथरा बना सके। गंगा यमुना को भले ही न मिले लेकिन झारखंड की राजधानी रांची से गुजरने वाली स्वर्ण रेखा नदी को 10 साल के निखिल और आदित्‍य नाम के दो भागीरथ मिल चुके हैं जो नदी की सफाई के लिए रोज एकजुट होते हैं।


नदी में लगा है गंदगी का अंबार
नदी में जलकुंभी और कूड़े कचरे का अंबार लगा हैहर शहर की तरह रांची के लोगों ने भी मंदिर के आसपास घाटों पर खूब कूड़ा कचरा फैला रखा है। इसके अलावा नदी के पानी में जलकुम्भी का अंबार है, लेकिन, रांची नगर निगम और प्रशासन का इस मामले पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है।


रोज 3 घंटे करते हैं सफाई के लिए श्रमदान
इस नदी की के सफाई के लिए ये दोनों बच्चे महादेव मंदिर सुबह सुबह ही पहुंच जाते हैं और रोज करीब 3 घंटे तक जुटकर सफाई करते हैं। 8 बजते ही दोनों वहां से स्कूल के लिए निकल जाते हैं। निखिल और आदित्य के लिए पिछले 20 बाइस दिनों से रोज का यही रूटीन हो गया है।

 

Posted By: Chandramohan Mishra