शुरू हो चुकी है पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना। एक के बाद एक रुझान आने शुरू हो गए हैं। उत्‍तर-प्रदेश उत्‍तराखंड मणिपुर गोवा और पंजाब की कुल 690 सीटों के रुझानों पर टिकी है हर मतदाता की निगाहें। ऐसे में कई कई मतदाताओं के मन में एक सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर कैसे होती है वोटों की गिनती और कौन करता है मतगणना। आइए इस पूरी प्रक्रिया को जानें यहां क्रम में।


यहां से होती है शुरुआत दरअसल मतदान के बाद मतगणना तक की प्रक्रिया काफी लंबी होती है। इसमें राज्य और केंद्र के अधिकारी, पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारियों का पूरा सहयोग होता है। इस क्रम में सबसे पहली प्रक्रिया होती है मतदान के खत्म होते ही सीलबंद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को मतगणना केंद्र पर लाना। यहां लाकर इसे स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है। अब इसकी सुरक्षा प्रशासन के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। 24 घंटे इसकी सुरक्षा पर खास निगाहें होती हैं। इसके लिए स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर तीन स्तर की सुरक्षा का घेरा होता है। इनके कंधों पर होती है सुरक्षा की जिम्मेदारी


इसके सुरक्षा की मुख्य जिम्मेदारी केंद्रीय बल के जवानों के कंधों पर होती है। वैसे आमतौर पर देखा जाए तो राज्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से निर्धारित जिला मुख्यालय में किसी नियत जगह पर मतगणना की जाती है। इसी जगह पर उस केंद्र से जुड़े सभी विधानसभा क्षेत्रों के मतों की गिनती होती है।पढ़ें इसे भी : UP assembly election results 2017 : मोहब्बत के शहर आगरा की हवाओं में घुला केसरिया रंग 6 सीटों पर बीजेपी जीत की ओरऐसे शुरू होती है गिनती

सुबह 7 से 8 बजे के बीच मतगणना केंद्र में संबंधित कर्मचारियों और एजेंटो को एंट्री दी जाती है। 8 बजे से वोट्स की गिनती शुरू कर दी जाती है। हर घंटे में 4 से 4 राउंड की काउंटिंग होती है। ऐसे में जिस विधानसभा में सबसे कम राउंड की काउंटिंग होती है, वहां मतों की गिनती पहले खत्म हो जाती है। निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक पोस्टल बैलेट की गिनती सबसे पहले शुरू की जाती है। इसकी गिनती होने के बाद उसे पोस्टल बैलेट टेबल पर भेज दिया जाता है। पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के आधे घंटे के बाद ईवीएम से गिनती शुरू हो जाती है।भेजा जाता है रिटर्निंग ऑफिसर के पास गिनती कर रहा कर्मचारी हर उम्मीवार के वोट की संख्या को रिटर्निंग ऑफिसर को भेजता है। ऐसा करते हुए जैसे ही एक चरण के मतगणना की प्रक्रिया पूरी होती है। मतगणना से जुड़े कर्मचारी सारी जानकारी रिटर्निंग ऑफिसर को दे देते हैं। इसके बाद पहले चरण के नतीजों का ऐलान कर दिया जाता है। इसी तरह से हर चरण की गिनती के नतीजे की जानकारी मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजी जाती है। यहीं यहीं से ऐसी पूरी जानकारी चुनाव के सर्वर में सेव हो जाती है।

पढ़ें इसे भी : UP assembly election results 2017 : पिछले विधान सभा में आठ सीटें जीतनी वाली सपा का नहीं खुला खाताहर राउंड में डाटा को मिलाया जाता है हर राउंड के बाद ईवीएम डाटा और शीट में भरे डाटा को मिलाया जाता है। ताकि कोई गड़बड़ न हो। इसको मिलाने के बाद इसे रिटर्निंग ऑफिसर और प्रत्याशियों के एजेंटों को भी नोट कराया जाता है। इसी के साथ मतगणना स्थल पर लगे बोर्ड पर भी हर राउंड के बाद वोटों की गिनती को जारी कर दिया जाता है। मतगणना के पूरे होने तक ये प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है। ये लोग करते हैं मतगणना अब अगला सवाल ये उठता है कि ये मतगणना का काम आखिर कौन करता है। दरअसल सरकारी विभागों के केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारी मिलकर मतगणना केंद्र में वोटों की गिनती करते हैं। बता दें कि मतगणना से पहले इन कर्मचारियों को पूरे एक हफ्ते की ट्रेनिंग दी जाती है। इस ट्रेनिंग के लिए इन्हें मतगणना केंद्र भेजा जाता है।

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Posted By: Ruchi D Sharma