..तो इसलिए भी झटके पर झटके दे रही है बिजली
RANCHI : राज्य में बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने में रोड़े ही रोड़े हैं। इसमें एक बड़ी बाधा कर्मचारियों की कमी भी है। रांची सर्किल के किसी बिजली डिवीजन में लाइनमैन की कमी है तो कहीं बिजली मिस्त्री नहीं है। महज 30 परसेंट बिजली कर्मियों के भरोसे बिजली बोर्ड चल रहा है। एक-एक बिजली कर्मी को कई -कई डिपार्टमेंट का काम देखना पड़ रहा है। बिजली कर्मियों की कमी से ऑफिस का काम तो किसी तरह चल जाता है, पर फील्ड में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में चाहे बिजली फॉल्ट ठीक करने का मामला हो या मेंटनेंस का, काम में देरी होना लाजिमी है।
कांट्रैक्ट कर्मियों के भरोसे व्यवस्थाझारखंड में बिजली व्यवस्था कांट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मियों के भरोसे चल रही है। चाहे सब स्टेशन हो या या ट्रांसमिशन लाइन अथवा मेंटनेंस। कांट्रैक्ट कर्मी ही मोर्चा संभाले हुए हैं। अगर ये स्ट्राइक पर चले जाते हैं तो पूरे राज्य की बिजली व्यवस्था चरमरा जाती है। फिलहाल यहां तीन हजार मेंडेज और 560 कांट्रैक्ट कर्मी काम कर रहे हैं।
दूसरे जिलों की स्थिति ज्यादा भयावहबिजली विभाग कर्मचारियों की भारी किल्लत का दबाव झेल रही है। रांची को छोड़कर बाकी जिलों की स्थिति तो और भी खराब है। तीन हजार मेंडेज कर्मचारियों की बात करें तो उसमें 498 सिर्फ रांची सर्किल मे है। इसके अलावा 560 कांट्रैक्ट कर्मियों में भी 123 रांची सर्किल में ही पोस्टेड हैं। ऐसे में दूसरे जिलों में बिजली कर्मियों की कमी के कारण बिजली व्यवस्था ज्यादा बदतर है।
अधिकारियों की कमी नहीं बिजली विभाग का दूसरा पहलू भी है। यहां कर्मचारियों की भले ही कमी है, पर अधिकारियों की संख्या जरूरत से ज्यादा नहीं तो कम भी नहीं है। बिजली बोर्ड के अपने अधिकारी तो हैं ही, साथ ही डीवीसी और एनटीपीसी के अधिकारी भी डेपूटेशन पर बिजली बोर्ड में अपनी सेवा दे रहे हैं। दूसरी तरफ, कर्मचारियों की सेवा डेपूटेशन में लेने की बात हो तो बिजली बोर्ड इस मामले में थोड़ा सुस्त है। अगर जरूरत के हिसाब से दूसरे विभागों से कर्मी बिजली विभाग में डेप्यूटेशन पर आ जाएं तो काफी हद तक बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने में मदद मिल सकती है। एजेंसी और ठेकेदार को जिम्माबिजली विभाग के इंजीनियरों ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि यहां कर्मचारियों की कमी के कारण काम प्रभावित हो रहा है। जब कभी समस्या आती है तो बिजली विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों के स्टाफ से काम लेना पड़ता है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर कुछ एजेंसियों से भी कर्मचारियों को लेते है। जो परमानेंट सरकारी कर्मचारी है, वह अब पोल पर चढ़कर बिजली ठीक करने की स्थिति मे नही है।
रांची सर्किल में बिजली कर्मियों की संख्या रांची ईस्ट कर्मी जरूरत उपलब्ध असिस्टेंट इंजीनियर 3 2 जूनियर इंजीनियर 10 5 नोट: लाइनमैन, बिजली मिस्त्री और फीडर मैन की भारी कमी रांची कैपिटल कर्मी जरूरत उपलब्ध असिस्टेंट इंजीनियर 2 2 जूनियर इंजीनियर 6 5 नोट: मेंडेज कर्मचारी और कांट्रेक्ट कर्मचारियों के बाद भी कर्मचारियों की कमी रांची वेस्ट कर्मी जरूरत उपलब्ध असिस्टेंट इंजीनियर 3 1 जूनियर इंजीनियर 10 4 नोट: ठेकदार के कर्मियों की ली जाती है सेवा रांची सेंट्रल कर्मी जरूरत उपलब्ध असिस्टेंट इंजीनियर 3 3 जूनियर इंजीनियर 8 6 नोट- ऑफिस के एक-एक कर्मचारी के जिम्मे तीन-तीन विभाग का काम। फीगर स्पीक्स (बॉक्स) 3000 मेंडेज कर्मचारियों के भरोसे बिजली बोर्ड 560 कांट्रैक्ट कर्मी कर रहे हैं काम 498 मेंडेज कर्मी रांची सर्किल में हैं पोस्टेड 123 कांट्रैक्ट कर्मी रांची सर्किल में दे रहे हैं सेवा वर्जन राज्य बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की कमी है। सि साल वैकेंसी आने वाली है। बिजली बोर्ड के सारे खाली पद भरे जाएंगे। इसकी तैयारी चल रही है। राहुल पुरवारएमडी, झारखंड राज्य उर्जा विकास निगम