RANCHI : झारखंड में हर साल कैंसर के 40 हजार नए मरीज आ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या ओरल कैंसर के मरीजों की है। आंकड़ों में देखें तो प्रति एक लाख की आबादी में 11 लोगों में लंग्स कैंसर के लक्षण पाए गए हैं। तंबाकू और गुटखा का सेवन ही लोगों को ओरल कैंसर का मरीज बना रहा है। अगर किसी को लंबे समय से खांसी हो तो इसे हल्के में नहीं लें, क्योंकि यह ओरल कैंसर का संकेत हो सकता है। ओंकोलॉजिस्ट डॉ धीरज कुमार बताते हैं कि लंबे समय से खांसी को लोग टीबी समझते हैं, पर जब बीमारी गंभीर हो जाती है तो लंग्स कैंसर होने का पता चलता है। ऐसे समय में मरीज का इलाज आसान नहीं होता है। ऐसे में समय रहते जांच कराकर प्रॉपर ट्रीटमेंट करा लेने में भी भलाई है।

मुंह मे छाले को नहीं करें इग्नोर

ज्यादातर लोग मुंह में छाला पड़ने को काफी हल्के में लेते हैं। वे इलाज कराने की बजाय इसे यह सोचकर इग्नोर कर देते हैं कि अपने-आप यह ठीक हो जाएगा, लेकिन यह ओरल कैंसर का अर्ली स्टेज हो सकता है। अगर इसका आकार लगातार बढ़ने लगे तो यह खतरनाक हो सकता है। चेहरे पर लाल या सफेद धब्बे भी ओरल कैंसर का लक्षण हो सकता है। अगर इस तरह के कोई भी लक्षण अगर दिखाई दें तो तुरंत ओंकोलॉजी से परामर्श लेनी चाहिए, ताकि समय पर इलाज किया जा सके।

एफएनएसी टेस्ट बताएगा बीमारी

अगर किसी को लगातार खांसी हो रही है और खांसी के साथखून भी आना शुरू हो जाए तो डॉक्टर से तुरंत कंसल्ट करना चाहिए। इसमें डॉक्टर मरीज का सैंपल लेकर एफएनएसी टेस्ट कराते है। इससे 4-5 घंटों में ही मरीज के बारे में जानकारी मिल जाती है कि उसे कैंसर है या नहीं। लंग्स कैंसर के सेकेंड स्टेज में पहुंच जाने से मरीज के सर्वाइव करने की उम्मीदें काफी कम हो जाती हैं।

एक लाख महिलाओं में 22 को सर्वाइकल कैंसर (बॉक्स)

व‌र्ल्ड नो टोबैगे डो पर रेडियम हॉस्पिटल में आयोजित प्रोग्राम में डॉ धीरज सिन्हा ने बताया कि दुनिया में भारत को कैंसर की राजधानी के रूप में देखा जाता है। यहां लोग खैनी, गुटखा औ्र और तंबाकू का ज्यादा सेवन करते हैं, ऐसे में कैंसर जैसी बीमारी भयावह रुप लेती जा रही है। अगर महिलाओं की बात करें तो प्रति एक लाख की आबादी पर 22 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त हैं। इसका असर गर्म में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है।

हर साल कैंसर से हो रही पांच लाख मौत

भारत में हर साल कैंसर के 8 लाख नए मरीज आ रहे है। उनमें से पांच लाख की मौत हो जाती है। अगर मरीजों की संख्या इस रफ्तार से बढ़ती रही है तो कैंसर से होने वाली मौत का आंकड़ा 2035 तक 12 लाख के आंकड़े तक पहुंच जाएगा। यह खुलासा (इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च) आइसीएमआर की रिपोर्ट में हुआ है। जिसमें यह भी बताया गया है कि हर एक लाख में 11 मरीज लंग्स के कैंसर से ग्रसित है।

Posted By: Inextlive