PATNA: केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी से शुक्रवार को दिल्ली में मुलाकात के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब ब्0 हजार से ज्यादा पीएचडी धारकों को असिस्टेंट प्राध्यापक बनने का मौका मिल गया है। इन्हें यूपीए की सरकार ने यूजीसी के नए दिशा-निर्देश के आधार पर वंचित कर दिया गया था।

सुमो ने कहा कि यूजीसी के नए दिशा- निर्देश के आलोक में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के प्रावधानों में आवश्यक संशोधन होने तक बीपीएससी साक्षात्कार पर तत्काल रोक लगाए और जिन विषयों के लिए इंटरव्यू लिए जा चुके हैं उनके परिणाम को स्थगित रखा जाए। प्रावधानों में संशोधन के लिए राज्य सरकार तत्काल अध्यादेश लाए।

-बिहारी युवकों को बड़ी राहत

कहा कि स्मृति ईरानी ने पीएचडी धारकों के संबंध में यूजीसी के क्क् जुलाई, ख्009 के दिशा निर्देशों को शिथिल कर उसके पूर्व के पीएचडी धारकों को न केवल नेट की अनिवार्यता से बड़ी राहत दी है बल्कि बिहारी युवकों को सहायक प्राध्यापक बनने का एक बड़ा मौका भी दिया है। बिहार में ऐसे करीब ब्0 हजार पीएचडी धारक हैं जिन्होंने अपनी उपाधि यूजीसी के जुलाई ख्009 के पूर्व के गाइड लाइन पर ली थी। अब तक बीपीएससी द्वारा लिए जा रहे साक्षात्कार में नेट और जुलाई, ख्009 के बाद के दिशा निर्देश पर पीएचडी की अनिवार्यता की वजह से ख्0 प्रतिशत बिहारी छात्र भी भाग नहीं ले पा रहे थे।

-इंटरव्यू के लिए तिथि निर्धारित

कहा कि बीपीएससी अर्थशास्त्र, अंग्रेजी और दर्शनशास्त्र विषयों में नियुक्ति के लिए साक्षात्कार ले चुका है और भौतिकी, मनोविज्ञान व गणित विषयों में साक्षात्कार के लिए तिथि निर्धारित कर दी गई है। यूजीसी के नए दिशा निर्देश के आलोक में आवश्यक परिवर्तन होने तक बीपीएससी तत्काल जिन विषयों में साक्षात्कार ले चुका है उसके परिणाम को स्थगित रखें और किसी भी अन्य विषय में साक्षात्कार पर तत्काल रोक लगाएं।

Posted By: Inextlive