म्‍यांमार में घुसकर उग्रवादियों को नेस्‍तनाबूद करने वाली इंडियन आर्मी की चारों तरफ तारीफ हो रही है। 18 जवानों की हत्‍या का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने म्‍यांमार बॉर्डर क्रॉस करके एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया। हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ इससे पहले भी 4 बार हमारी सेना विदेशी जमीन में घुसकर अपना अभियान चला चुकी है। जानें इनके बारे में....

(1) 2015 :-
4 जून को मणिपुर के चंदेल जिले में हमला करके सेना के 18 जवानों की जान लेना उग्रवादियों को मंहगा पड़ गया। भारतीय सेना ने अगले कुछ दिनों में ही प्लॉनिंग बनाकर उग्रवादियों को ठिकाने लगा दिया। सेना ने म्यांमार में घुसकर एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया।
(2) 1971 :-
साल 1971 में इंडिया और पाकिस्तान की लड़ाई सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस लड़ाई के परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ। उस दौरान यह पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। ऐसे में भारत के एक तरफ पाकिस्तान था, तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के पास पूर्वी पाकिस्तान बसा हुआ था। जैसा कि आप जानते होंगे कि पश्िचम बंगाल से सटा होने के कारण वहां का कल्चर भी बंगाली ही था। जिसके चलते भारतीय सेना ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाकर बांग्लादेश में घुसकर उसको पाकिस्तान से अलग करके नया देश बना दिया।
(3) 1987 :-
श्रीलंका में लिट्टे के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए श्रीलंका सरकार को भारतीय सेना का सहारा लेना पड़ा। LTTE चीफ प्रभाकरण के आतंक का सफाया करने के लिए भरत ने अपने शांति रक्षा बलों के 50 हजार जवानों को श्रीलंका के जाफना में उतारा। इसको ऑपरेशन पवन नाम दिया गया। यह काफी बड़ा अभियान था, जो 3 साल तक चला। इस लड़ाई में भारतीय सेना के 1200 जवान शहीद हुए थे।
(4) 1988 :-
मालदीव में विद्रोहियों की बढ़ती ताकत को बेअसर करने में नाकाम मालदीव सरकार ने भारत से मदद मांगी। मालदीव में तख्तापलट की कोशिशें कर रहे विद्रोहियों को इंडियन आर्मी ने सफाया कर दिया। दस ऑपरेशन का नाम 'कैक्टस' रखा गया था। भारतीय सेना ने सेना के 1400 कमांडो को माले एयरपोर्ट पर उतारा। इसमें पैरा कमांडो ने अहम रोल निभाया। जिसके बाद सेना ने बड़ी बहादुरी से उन विद्रोहियों को शिकस्त देकर मालदीव पर कब्जा करने से रोक लिया।
(5) 1995 :-
पूर्वोत्तर में उग्रवादियों का आतंक काफी समय से जारी है। अभी हाल ही में भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर उग्रवादियों को मारा है। लेकिन इससे पहले 1995 में भी उग्रवादियों के कैंप नष्ट करने के लिए सेना ने म्यांमार में प्रवेश किया था। इसमें करीब 40 विद्रोहियों को मार गिराया गया था। यह ऑपरेशन गोल्डन बर्ड कहलाता है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari