कुछ दिनों पहले आपने खबर पढ़ी होगी कि बिग बैश लीग में एक बल्‍लेबाज काले रंग का बल्‍ला लेकर खेलने आ गया। वैसे यह बल्‍लेबाज कोई और नहीं वेस्‍टइंडीज के आल राउंडर आंद्रे रसेल थे जो क्रीज पर काला बल्‍ला लेकर उतरे। मैच आयोजकों ने इसका खूब विरोध किया। उनका कहना था कि बल्‍ले का रंग गेंद के रंग को प्रभावित कर सकता है। खैर यह पहला मौका नहीं है जब बल्‍ले को लेकर विवाद खड़ा हुआ...इससे पहले रिकी पोंटिंग और क्रिस गेल जैसे दिग्‍गज भी अपने बल्‍लों को लेकर चर्चा में रहे थे। आइए पढ़ें पूरी खबर...



एल्यूमीनियम बैट :
साल 1979 में खेली गई ऐशेज सीरीज भी काफी विवादित रही। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेनिस लिली मैदान पर एल्यूमीनियम का बल्ला लेकर उतरे थे। इससे कुछ दिन पहले भी वह वेस्टइंडीज के खिलाफ इसी बल्ले को लेकर बल्लेबाजी करने आए थे जिससे गेंद खराब हो रही थी। ऐसे में इंग्लैंड के कप्तान ने उनके इस बल्ले के इस्तेमाल का विरोध किया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा कप्तान ग्रेग चैपल ने उन्हें लकड़ी का बल्ला खेलने के लिए दिया तब यह विवाद थमा।

मंगूस बैट :
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ओपनर मैथ्यू हेडेन ने आईपीएल में मंगूस बैट का इस्तेमाल किया था। ये बल्ला पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले बल्ले जैसा ही था लेकिन इसका हैंडिल बैट के हिट करने वाले हिस्से से ज्यादा बड़ा था। इस बल्ले का इस्तेमाल हेडेन ने इसलिए किया था क्योंकि इसपर लगकर गेंद ज्यादा तेजी से जाती है। हेडेन ने इस बल्ले से खेलते हुए एक पारी में 43 गेंदों में 93 रन बना दिए। हालांकि बाद में यह बल्ला ज्यादा सफल नहीं रहा।

ग्रेफाइट वाला बैट :
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने साल 2004 में इस बल्ले का इस्तेमाल किया था। बैट की निर्माता कंपनी कोकोबुरा ने इसमें कार्बन ग्रेफाइट की परत लगाई थी। इस बल्ले का इस्तेमाल करते हुए पॉन्टिंग ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में दोहरा शतक जड़ दिया था। लोगों द्वारा आपत्ति दर्ज करने के बाद एमसीसी ने बल्ले की जांच की। जांच में पाया गया कि इस बल्ले से खेलने पर बल्लेबाज को फायदा होता है। इसके बाद एमसीसी ने इस बल्ले के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई। पॉन्टिंग को फिर से पारंपरिक बल्ले से खेलने को कहा।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari