देश के 61 प्रतशित कामकाजी लोगों की आबादी जिनकी उम्र 45 साल से अधिक है अगले पांच सालों में सेवा निवृत्‍त होना चाहती है। एक सर्वे की माने तो इनमें से ज्‍यादातर लोगों का कहना है कि काम के दबाव के चलते उनका मानसकि और शारीरिक स्‍वास्‍थ प्रभावति हो रहा है।


एचएसबीसी ने किया सर्वेक्षण एचएसबीसी ने अपने एक सर्वेक्षण में बताया कि सेवानिवृत्त होने के रास्ते में सबसे कड़ी अड़चन फाइनेंस है। वैश्र्विक बैंक एचएसबीसी के ताजा संस्करण स्वस्थ रहते हुए सैवानिवृत्ति नई शुरुआती अध्यन में कहा गया है कि देश की 45 साल से अधिक की 61 प्रतशित आबादी अगले पांच सालों में रिटायर होना चाहती है। इनमें से 14 फीसदी लोग मानते है कि वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। ज्यादातर की राय थी कि वे पैसों की वजह से रिटायर नहीं हो सकते। भारतीय शुरुआत से दें बचत पर ध्यान


सर्वेक्षण में कहा गया है कि इस अध्ययन के रिजल्ट बताते हैं कि भारतीयों को शुरुआत से ही बचत पर ध्यान देकर रिटायरमेंट प्लान की योजना बनानी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 43 फीसदी लोग अगले पांच साल में रिटायर होकर अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं। 34 फीसदी यात्रा और अपनी अन्य रचियों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट लेना चाहते हैं जबकि 20 फीसदी किसी दूसरे करियर या कोई अपना काम करना चाहते हैं। काम के दबाव के कारण हो रहे शारीरिक रूप से कमजोर

काम से जुड़े दबाव की वजह से करीब 59 फीसदी लोगों का कहना था कि वे रिटायर होना चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 45 साल से अधिक की उम्र के 27 फीसदी लोग कामकाज को उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की वजह से रिटायरमेंट लेना चाहते हैं। जबकि 40 फीसदी का मानना है कि खराब स्वास्थ्य की वजह से रिटायरमेंट के लिए बचत करना कठिन होगा।

Posted By: Prabha Punj Mishra