बचपन के दौरान स्‍कूल में सीखी हर वो छोटी-छोटी बातें हम बड़े होकर भूल जाते हैं। वही छोटी-छोटी बातें हमारे समाज के लिए बड़ी भूल साबित होती हैं और देश का बेड़ा गर्क होता है। आइए बाल दिवस पर के मौके पर याद करते हैं बचपन की उन बातों को और संवारे आपने आसपास और देश को...

बाल दिवस के मौके पर देखिए बच्चों और बचपन की ताकत
सभी डायलॉग 'चिल्लर पार्टी' फिल्म से लिए गए हैं। इन्हीं बातों को याद दिलाकर बच्चे एक मंत्री जी की बोलती बंद कर देते हैं और देश की दुर्दशा के लिए सवाल छोड़ कर चले जाते हैं। फिल्म में हैप्पी एंडिंग जरूर है लेकिन बच्चों की बातें सोचने के लिए हमें मजबूर करती हैं। बाल दिवस पर खुद भी यह फिल्म देखिए और अपने बच्चों को भी दिखाइए-सिखाइए और सेलीब्रेट करिए Happy Children's Day...
...ऐसे में क्या फर्क पड़ता है कि आदमी स्कूल जाए या न जाए
'अपुन को बहुत बुरा लगता था कि अपुन इन बच्चों के माफिक स्कूल नहीं जा पाएगा और अच्छा आदमी नहीं बन पाएगा। आज अपुन को इतना बुरा नहीं लगरेला क्योंकि बड़ा होके आदमी जो पढ़ा है वो भूल जाता है। तो क्या फर्क पड़ता है कि आदमी स्कूल जाता है या नहीं जाता है।'


2- सच्ची दोस्ती

'सच्चे दोस्त एकदूसरे की मदद करते हैं।'

4- डर के आगे जीत
'हमारे डर के अंदर से ही बहादुरी निकल कर बाहर आती है।'

6- प्यार की ताकत
'नफरत करना बहुत आसान है लेकिन प्यार में ज्यादा ताकत होती है।'


8- वसुधैव कुटुम्बकम
'हमें ऐसा देश बनाना चाहिए जहां लोग एकदूसरे की भलाई सोचते हों न कि स्वार्थी हों।'


 

Posted By: Satyendra Kumar Singh