सालों की नौकरी के बाद आपका रिटायरमेंट डे एक भावुक और यादगार लम्‍हा होता है और अगर उस दिन आपके उच्‍चाधिकारी आपकी सेवा और निष्‍ठा को खास सम्‍मान दें तो लगता है कि आपकी सारी मेहनत का ईनाम मिल गया हो। ऐसा ही एक यादगार लम्‍हा एक ड्राइवर की जिंदगी में आया जब 35 साल की त्रुटिहीन सेवा के बाद उसकी सेवानिवृत्‍ति के दिन शहर के डिप्‍टी कलेक्‍टर ड्राइवर की सीट पर बैठ कर उसे घर तक कार चला कर छोड़ने गए। आइये जाने महाराष्‍ट्र की ये स्‍पेशल कहानी।

यादगार और भावनात्मक तोहफा
महाराष्ट्र में अकोला के कलेक्टर जी श्रीकांत ने अपने ड्राइवर दिगंबर थाक को उसके रिटायरमेंट वाले दिन एक ऐसा तोहफा दिया जिसे वो कभी नहीं भूल पाएगा। उस दिन श्रीकांत ने सरकारी ड्राइवर दिंगबर को भावनात्मक और यादगार विदाई देकर उसके कार्य को सम्मान देने का फैसला किया। इसके लिए कलेक्टर ने ड्राइवर दिंगबर को पिछली सीट पर बैठा कर खुद चालक बन कर उसे घर तक छोड़ा।
जिले के 18 कलेक्टरों को दी सेवाएं
इसके लिए इस दिन कार को पूरी तरह फूलों से सजाया गया और अपनी कड़क सफेद वर्दी पहने दिगंबर को कार्यालय में हो रहे विदाई समारोह के पश्चात डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर पिछली सीट पर बैठा कर खुद कार ड्राईव की। 58 साल की उम्र में सेवा निवृत्त हुए दिगंबर ने अपने कार्यकाल में जिले के 18 कलेक्टरों के लिए अपनी सेवाएं दी हैं।
दिंगबर खुश हुआ
उसके कार्य को सम्मानित करते हुए जी श्रीकांत ने कहा कि दिंगबर ने 35 साल तक राज्य को अपनी सेवाएं दी है। मैं इस दिन को उसके लिए यादगार बनाकर उसका शुक्रिया अदा करना चाहता था। देसरी तरफ दिंगबर ने कलेक्टर का धन्यवाद देते हुए कहा कि वे अपने रिटायरमेंट पर मिले इस उपहार से काफी खुश और सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

 

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Posted By: Molly Seth