आपने बचपन में महाराणा प्रताप के काल में हुए दानवीर भामाशाह की कहानी तो सुनी होगी जिसने मेवाड़ की आजादी के लिए महाराणाप्रताप को अपनी सारी धन संपत्‍ति दान कर दी थी। आज हम बताते हैं राजस्‍थान के एक आधुनिक भामाशाह पारसमल सालेचा के बारे में जो खुद पांचवी पास है पर उन्‍होंने गांव के बच्‍चों की शिक्षा के लिए 3 करोड़ रुपए से स्‍कूल र्निमाण का काम शुरू किया है।


राजस्थान के एक गांव में बन रहा है स्कूल इच्छा होते हुए भी गांव के सामान्य लोग अपने बच्चों को शानदार पब्लिक स्कूलों नहीं पढ़ा पाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राजस्थान के छोटे से एक गांव में भामाशाह पारसमल सालेचा के सहयोग से एक सरकारी स्कूल का निर्माण किया जा रहा है। इस बारे में भामाशाह का कहना है कि इस स्कूल में पब्लिक स्कूलों से भी ज्यादा सुविधायें बच्चों को दी जाएंगी। इस स्कूल का निर्माण करने वाले सालेचा खुद पांचवी कक्षा तक ही शिक्षित हैं। करोड़ों की लागत से बन रहा है स्कूल
3 करोड़ की लागत से 2.20 हेक्टेयर भूमि पर स्कूल भवन का निर्माण हो रहा हैं जिसे अप्रैल माह में पूरा होने पर सरकार को सुपुर्द किया जाएगा। इसमें बच्चों कि खेल प्रतिभाओं को निखारने के तीन खेल के बड़े मैदान भी बनवाए गए हैं। बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली के साथ स्कूल में साइंस लैब भी तैयार करवाई गई है। बास्केट बॉल, टेनिस कोर्ट व हैंडबॉल मैदान भी बनाए गए हैं। खुद पांचवीं कक्षा तक पढ़े भामाशाह पारसमल सालेचा द्वारा 3 करोड़ की लागत से इस स्कूल का निर्माण करवाया जा रहा है। अगले शैक्षणिक सत्र से स्कूल शुरू हो जाएगा।परोपकार के कार्यों से जुड़े हुए सालेचा


धार्मिक व सामाजिक कार्यों में अग्रणी भामाशाह पारसमल सालेचा जनहितैषी कार्यों के अलावा धार्मिक व सामाजिक काम में भी हमेशा से अग्रणी रहे हैं। स्कूल का निर्माण करवा रहे भामाशाह पारसमल सालेचा जनहितैषी कार्यों के अलावा धार्मिक व सामाजिक काम में भी हमेशा से अग्रणी रहे हैं। गांव में 4 मार्च 2012 को बनाई गई गोशाला के लिए भामाशाह सालेचा 48 बीघा जमीन भी दान कर चुके हैं। इसके अलावा भामाशाह गोशाला में दो बड़े गेट बनवाने के साथ यहां चारा रखने के लिए 2 बड़े हॉल भी बनवा रहे हैं। इससे पूर्व जालोर स्थित स्टेडियम में बने इंडोर स्टेडियम के लिए भी भामाशाह सालेचा 8 लाख रुपए का सहयोग कर चुके हैं।

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Posted By: Molly Seth