-सिटी में डिफरेंट एरियाज के मार्केट का हाल बेहाल, इंक्रॉचमेंट की वजह से प्रॉब्लम

-मंगलवार को हमने साकची मार्केट का हाल जाना, लोगों को शॉपिंग में होती है परेशानी

-40 फीट के रोड पर चलने के लिए चार फीट की भी जगह नहीं मिलती

-पुलिस की मौजूदगी का भी नहीं है असर

amit.choudhary@inext.co.in

JAMSHEDPUR : उफ यहां तो चलना भी मुश्किल है। शॉप के आगे बाइक लगी है। हर तरफ ठेले लगे हैं। आखिर शॉपिंग करें भी तो कैसे? न आगे चला जाए और न ही पीछे हटा जाए। किसी मार्केट का हाल ऐसा भी होता है। जी हां, बिल्कुल होता है। सिटी के डिफरेंट एरियाज में स्थित ज्यादातर मार्केट का ऐसा ही तो हाल है। सिटी स्थित मार्केट के हाल को जानने के लिए शुरू किए गए आई नेक्स्ट के इस अभियान में मंगलवार को साकची स्थित मार्केट की जो स्थिति हमने देखी और लोगों ने अपनी परेशानियों के बारे में जो बताया, आइए जानते हैं

चलने की जगह नहीं

साकची मार्केट की बात करें तो लोगों को यहां कुछ ज्यादा ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रोड के दोनों तरफ दुकानें और बीच सड़क पर बाइक और गाड़ी लगी होती है। स्थिति ऐसी हो जाती है कि लोगों को किसी शॉप में एंटर करने और वहां से निकलने के लिए सोचना पड़ता है। अगर पूरी फैमली के साथ शॉपिंग पर गए हों तो फिर घंटों मार्केट में ही गुजारना पड़ेगा।

इंक्रॉचमेंट तो हमेशा की प्रॉब्लम

बीच रोड पर दुकान और ठेले नजर आएंगे। उनकी संख्या इतनी बढ़ती जा रही है कि साकची गोलचक्कर के पास यह जान पाना मुश्किल हो जाता है कि रोड कहां से शुरु होकर कहां खत्म हो रही। मार्केट के पास ही ड्यूटी पर तैनात हेड कांस्टेबल से हमने जब इस बारे में पूछा तो उनका कहना था कि इंक्रॉचमेंट हटाने के लिए जब प्रशासन द्वारा ड्राइव चलाया जाता है तभी वे हटते हैं और कुछ ही दिनों बाद फिर से हालात पहले जैसे हो जाते हैं।

लोगों को भी रखना होगा ध्यान

साकची मार्केट को लेकर लोगों ने आई नेक्स्ट से जो बातें शेयर की उससे तो यही लगता है कि इसके लिए न सिर्फ एडमिनिस्ट्रेशन बल्कि आम लोग भी उतने ही जिम्मेवार हैं। मार्केट की समस्याओं को झेलने वाले लोगों ने बताया कि कुछ लोग अपनी बाइक और गाड़ी लेकर मार्केट के अंदर तक चले जाते हैं जिस वजह से प्रॉब्लम और बढ़ जाती है।

मुझे लगता है कि साकची मार्केट सिस्टेमेटिक तरीके से नहीं बनाया गया। कुछ भी व्यवस्थित नहीं दिखता। मार्केट के अंदर लोग अपनी गाड़ी लेकर चले आते हैं जबकि रोड संकरा है। पुलिस को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए।

- पिनाज

साकची मार्केट में शॉपिंग करना बहुत मुश्किल काम की तरह है। कोई कहीं भी बाइक खड़ी कर देता है और कोई भी अपना ठेला कहीं लगा देता है। सड़क तो दिखती ही नहीं।

- माहरुख

एडमिनिस्ट्रेशन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि रोड पर कोई अपनी दुकान न लगाए। जिस तरह हर तरफ इंक्रॉचमेंट दिखता है उससे तो यही लगता है कि पुलिस की भी इसमें मिलीभगत है।

- आदिल

फैमिली के साथ साकची मार्केट आने पर तो बहुत परेशानी होती है। मार्केट में एंटर करने और वहां से निकलने में ही काफी टाइम लगता है। कोई देखने वाला नहीं।

- एम खान

पुलिस खड़ी रहती है और उनके सामने सबकुछ होता है। आम लोगों की परेशानी से एडमिनिस्ट्रेशन को कोई मतलब ही नहीं रह गया है।

- श्याम जयसवाल

मार्केट से लगभग ख्0 फीट पहले से ही एक अलग मार्केट लग जाता है। लोग अपनी दुकान सजा लेते हैं। आखिर ये कैसे होता है। पुलिस को यह क्यों नहीं दिखता। इससे आम लोगों को परेशानी होती है।

- रंजीत

साल में एक बार पुलिस को इस बात का ध्यान आता है और रोड पर से दुकानें हटाई जाती हैं। हमेशा इसपर सख्ती क्यों नहीं दिखाई जाती। ऐसा भी मार्केट होता है क्या।

- अमित

लोग दस कदम भी पैदल नहीं चलना चाहते। वे अपनी बाइक लेकर साकची के इस संकरे मार्केट में आ जाते हैं जिस वजह से काफी परेशानी होती है। मैंने तो अपनी बाइक पार्किंग में लगाई है।

- हरप्रीत

साकची मार्केट को लेकर जो भी प्रॉब्लम हैं उसे दूर करने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन को आम लोगों का भी सपोर्ट चाहिए। हमारी छोटी गलतियों की वजह से भी कई तरह की प्रॉब्लम होती हैं।

- सुनील

Posted By: Inextlive