अफगानिस्‍तान में 16 नागरिकों की हत्या करने वाले एक अमरीकी सैनिक पर चल रहे मुक़दमे के दौरान उसका सामना एक अफ़गान पीड़ित से करवाया गया.


इस मुक़दमे में हत्याकांड की क्रूरता से जुड़े कई पहलू सामने आए हैं.वॉशिंगटन में चल रहे इस मुक़दमे में अदालत को बताया गया कि कैसे 39-वर्षीय  स्टाफ़ सार्जेंट रॉबर्ट बेल्स ने चीखते बच्चों और बूढ़ी औरतों की निर्ममता से हत्या की.हत्याकांड में अपने बेटे को खो चुके मोहम्मद हाजी नईम ने सार्जेंट बेल्स से पूछा कि आखिर उन्होंने गोलियाँ क्यों चलाईं?इस हत्याकांड को मार्च 2012 में अंजाम दिया गया था.मौत की सज़ा से बचने के लिए सार्जेंट बेल्स ने जून में हत्या में शामिल होने की बात मान ली थी.छह सदस्यीय सैन्य जूरी फ़ैसला करेगी कि क्या सार्जेंट बेल्स कभी पैरोल के हक़दार होंगे या नहीं.‘गोलियों की बौछार’सार्जेंट बेल्स ने सभी शवों पर केरोसीन छिड़ककर आग लगा दी.बीबीसी संवाददाता एलेस्टेयर लीटहेड के अनुसार अदालत में घायलों और मृत लोगों की तस्वीरें और वीडियो दिखाए गए.
अदालत में दी गई जानकारी के मुताबिक हत्याओं के बाद सार्जेंट बेल्स और हथियार लेने के लिए वापस बेस आए. वहाँ उन्होंने अपने एक सोए हुए साथी सैनिक को उठाकर हत्याकांड के बारे में बताया, लेकिन उन्हें उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ और वो वापस सोने चले गए.


जब एक छोटे बच्चे ने सार्जेंट बेल्स को रोकने की कोशिश की तो उस लड़के को पीट दिया गया.एक बूढ़ी महिला ने जब बेल्स को रोकना चाहा तो बेल्स ने उन्हें गोली मार दी, फिर उनकी खोपड़ी को अपने जूतों तले कुचल डाला.उसके बाद सार्जेंट बेल्स ने सभी शवों पर केरोसीन छिड़ककर आग लगा दी.सेना के वकील ने अदालत को बताया कि सार्जेंट बेल्स आर्थिक और निजी परेशानियों से जूझ़ रहे थे.उनकी शादी में कुछ समस्याएँ थीं, उनके घर की क़ीमत गिर गई थी और उन्हें नौकरी में तरक्की नहीं मिली थी जिसके बारे में उनको लगता था कि वो उसके हक़दार हैं.जब एक सैन्य न्यायाधीश ने बेल्स से हत्याकांड के कारणों के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, “इस दुनिया में ऐसा कोई कारण नहीं है जिसे इस भयंकर हत्याकांड के लिए ज़िम्मदार ठहराया जा सके.”

Posted By: Satyendra Kumar Singh