मुंबई बम ब्लास्ट के लिए आरोपी याकूब मेनन को र्निदोष बताने वाले अपने विवादास्पद ट्वीट्स पर हंगामा होने पर सलमान खान वे बिना शर्त माफी मांगने की बात कही है और इन ट्वीट्स को डिलीट कर दिया है।

ट्वीट पर खड़ा हुआ विवाद
फिल्म अभिनेता सलमान खान ने याकूब मेमन को निर्दोष बताकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए अपने ट्वीट हटा लिए। ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘मेरे पिता ने फोन किया और कहा कि मैं अपने ट्वीट वापस ले लूं, क्योंकि इनसे गलतफहमी पैदा होने का खतरा है। इसलिए मैं अपनी बात वापस लेता हूं।’

My dad called & said I should retract my tweets as they have the potential to create misunderstanding. I here by retract them.

— Salman Khan (@BeingSalmanKhan) July 26, 2015I would like to unconditionally apologise for any misunderstanding I may have created unintentionally.

— Salman Khan (@BeingSalmanKhan) July 26, 2015


क्या कहा सलमान ने
रविवार को उन्होंने लिखा, ‘मैंने कहीं भी ये नहीं कहा कि याकूब मेमन निर्दोष है। मुझे अपने देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मुंबई धमाकों में कई लोग मारे गए थे। मैंने कई बार ये कहा है कि एक भी निर्दोष व्यक्ति की मौत का मतलब है पूरी इंसानियत का कत्ल। अनजाने में पैदा हुई गलतफहमी के लिए मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं।

Many lives were lost in the Mumbai blasts. And I have repeatedly said the loss of one innocent life is equal to the loss of all humanity.

— Salman Khan (@BeingSalmanKhan) July 26, 2015I have not said or implied that Yakub Memon is innocent. I have complete faith in the judicial system of our country.

— Salman Khan (@BeingSalmanKhan) July 26, 2015I had tweeted that Tiger Memon should hang for his crimes and I stand by it. What i also said is that Yakub Memon should not hang for him.

— Salman Khan (@BeingSalmanKhan) July 26, 2015


इससे पहले सलमान ने ट्विटर पर लिखा था कि याकूब मेमन को फांसी नहीं होनी चाहिए। शनिवार की रात उन्होंने 51 मिनट में 14 ट्वीट किए थे। इस पर सलमान के पिता समेत दूसरे कई लोगों ने उनकी आलोचना की थी। सलीम खान ने कहा था कि जिस व्यक्ति को किसी मसले की जानकारी ही न हो, उसके विचार का कोई महत्व नहीं होता।
सलमान के ट्वीट जिन पर हुआ था हंगामा
फांसी टाइगर को दो।
भाई को टाइगर के बदले फांसी दी जा रही है। अरे टाइगर कहां है?
टाइगर की ही तो कमी है इंडिया में।  टाइगर को लाओ। हम तो अपनी फैमिली पर मर जाएं।
टाइगर, तुम्हारा भाई कुछ दिनों में तुम्हारे लिए फांसी पर चढऩे वाला है। ...कुछ तो बोलो कि तुम थे। वाह, भाई हो तो ऐसा। मतलब या खूब मेमन।
कौन-सा टाइगर, कैसा टाइगर, किधर है टाइगर?...नाम क्या सोच कर दिया था और मायने क्या निकाल लिया।  
एक बेकसूर की हत्या तो इंसानियत की हत्या है।
टाइगर को लाकर फांसी दो। दिखाने के लिए उसके भाई को नहीं।
टाइगर किधर छिपा है? यह कोई टाइगर नहीं, बिल्ली है। हम हैं कि एक बिल्ली को नहीं पकड़ सकते।
शरीफ साहब, निवेदन है कि अगर वह आप के देश में है तो बता दीजिए।
तीन दिन से इस दिन का इंतजार कर रहा था। ऐसा करने से डर भी रहा था। यहां एक परिवार की बात है। भाई को फांसी पर मत चढ़ाओ। फांसी तो लोमड़ी को दो, जो भाग गया है।

 

 

 

 

 

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Posted By: Molly Seth