मध्यम दूरी की परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम भारत ने स्वदेश में निर्मित अग्नि प्रथम बैलिस्टिक मिसाइल का आज सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। 700 किमी दूर स्थित लक्ष्य को यह मिसाइल निशाना बना सकती है। सेना ने प्रायोगिक परीक्षण के तहत ओडिशा के तटीय हिस्से पर एक परीक्षण रेंज से किया। सतह से सतह पर मार करने वाली यह एक चरणीय मिसाइल ठोस प्रणोदकों से चलती है।


चंद मिनटों में तय की 700 किलोमीटर की दूरीअग्नि प्रथम बैलिस्टिक मिसाइल का आज सुबह नौ बज कर 15 मिनट पर अब्दुल कलाम आईलैंड व्हीलर आईलैंड स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के लॉन्च पैड 4 से परीक्षण किया गया। भारतीय सेना की रणनीतिक बल कमांड के प्रशिक्षण अभ्यास के तहत किया गया यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। रक्षा अधिकारी के अनुसार इस अत्याधुनिक मिसाइल ने 700 किमी की दूरी नौ मिनट 36 सेकंड में पूरी की। उन्होंने बताया कि अभियानगत तैयारी को और अधिक मजबूत बनाने के लिए एसएफसी द्वारा समय समय पर की जाने वाली प्रशिक्षण गतिविधि के तहत यह प्रक्षेपण किया गया। परीक्षण के दौरान रखी गई नजर


रक्षा अधिकारी की माने तो परीक्षण के पथ पर अत्याधुनिक रडारों, टेलीमेट्री निगरानी केंद्रों, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक इन्स्ट्रूमेंट्स और नौसैनिक पोतों के माध्यम से प्रक्षेपण के बाद से इसके लक्ष्य को भेदने तक नजर रखी गई। अग्नि एक मिसाइल में अत्याधुनिक नौवहन प्रणाली लगाई गई है जो यह सुनिश्चित करती है कि यह पूरी सटीकता से समस्त मानकों को पूरा करते हुए लक्ष्य तक पहुंचे। यह मिसाइल सशस्त्र बलों में शामिल की जा चुकी है। सूत्रों ने बताया कि रेंज सटीकता और अपने प्रयोजन के संदर्भ में इस मिसाइल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

अभेद्य है अग्नि प्रथम बैलिस्टिक मिसाइल मारक क्षमता
कुल 12 टन वजन की 15 मीटर लंबी अग्नि प्रथम बैलिस्टिक मिसाइल एक टन से अधिक का भार ले जा सकती है। भार घटा कर इसकी मारक क्षमता बढ़ाई भी जा सकती है। अग्नि प्रथम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान की एक प्रमुख मिसाइल विकास प्रयोगशाला एडवान्स्ड सिस्टम्स लेबोरेटॅरी ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र इमारत के सहयोग से किया है जिसमें हैदराबाद के भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने सहयोग दिया। आज से पहले अग्नि प्रथम का अंतिम परीक्षण 27 नवंबर 2015 को इसी रेंज से किया गया था और यह परीक्षण सफल रहा था।

Posted By: Prabha Punj Mishra