जब कंपनियों में मुलाज़िम अक्सर बॉस की उंगलियों पर नाचते नज़र आते हैं। इसी दुनिया में एक बॉस ऐसा भी है जो अपनी कंपनी के 40 हज़ार कर्मचारियों के सामने रंगीन कपड़ों में माइकल जैक्सन के गानों पर नाचता नज़र आता है। डांस ख़त्म होता है। कंपनी का बॉस चेहरे से नक़ाब हटाता है और सामने मौजूद अपने हज़ारों कर्मचारियों को फ्लाइंग किस देते हुए स्माइल पास करता है। ये कल्पना नहीं हकीकत है।

नकाब से निकला शख्स चीन के मेगाब्रैंड अली बाबा के मालिक जैक मा हैं। हिंदी फिल्म 'दीवार' का डायलॉग थोड़ा एडिट कर दें तो आज चीन के पास दौलत, बैंक बैलेंस, प्रॉपर्टी, बिल्डिंग्स सब हैं और उसके पास मा भी है, जैक मा।

एशिया के सबसे अमीर आदमी!

साल 2017-18 में भारत का जितना रक्षा बजट है, इसमें क़रीब दो हज़ार करोड़ रुपये जोड़ दिए जाएं तो ये जैक मा की कुल संपत्ति है। क़रीब 40 बिलियन डॉलर यानी 2 लाख 61 हज़ार करोड़ रुपये। फ़ोर्ब्स अगस्त 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, जैक मा एशिया के सबसे अमीर कारोबारी हैं।

आज सफल जैक मा की ई-कॉमर्स कंपनी अली बाबा के दरवाजे भले ही हज़ारों, लाखों लोगों के लिए खुले हैं। लेकिन एक ऐसा भी वक्त था, जब जैक मा के लिए कई कंपनियों और यूनिवर्सिटी ने दरवाज़े बंद किए थे। तब मा ने हिम्मत की जैक लगाकर इन बंद दरवाज़ों को 'खुलजा सिम-सिम' कह खोला था।

ट्रांसलेशन सेंटर से इंटरनेट का सफ़र

जैक की इंग्लिश इतनी बेहतर हुई कि उन्होंने ट्रांसलेशन सेंटर खोला। इस सेंटर में इंग्लिश से चीनी और चीनी से इंग्लिश भाषा में अनुवाद का काम किया जाता।

जैक ने अपनी अच्छी इंग्लिश के दम पर हंग्झो दियांझी यूनिवर्सिटी में इंग्लिश और इंटरनेशनल ट्रेड भी पढ़ाने लगे। लेकिन ये काम बस एक पड़ाव था, अली बाबा का बनना बाक़ी था।

1994-95 में जैक अमरीका गए। ये वो दौर था, जब चीन में इंटरनेट को बोलबाला नहीं हुआ था।

इंटरनेट से अपने पहले साबका के बारे में जैक ने बीबीसी रेडियो 4 को दिए एक इंटरव्यू में बताया है, ''मेरे दोस्त स्टुअर्ट ने मुझसे कहा कि ये इंटरनेट है, इससे तुम जो चाहो वो खोज सकते हो। मैंने इस पर हैरानी जताते हुए

इंटरनेट पर जो पहला शब्द टाइप किया वो बीयर था। जब बीयर सर्च किया तो मुझे अमरीकी, जर्मनी बीयर तो मिली लेकिन चीन से जुड़ा कोई रिजल्ट नहीं मिला। ये मेरे लिए ताज्जुब की बात थी।''

जैक की ये हैरानी आने वाले दिनों में बड़ा कमाल करने वाली थी।


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अली बाबा नाम रखने की वजह?

जैक मा सेनफ्रांसिस्को के एक कॉफी शॉप में बैठे हुए थे। तभी वहां एक वेटरेस आती है। जैक वेटरेस से सवाल पूछते हैं कि क्या तुम अलीबाबा को जानती हो?

जैक का बिज़नेस प्लान क्या है। इसे यूं समझिए कि वो कहते हैं कि बिज़नेस शुरू करने का सबसे अच्छा प्लान ये है कि कोई प्लान न हो। बैठकर सोचने के लिए वक्त नहीं है।

शायद यही वजह है कि जैक मा अपनी कंपनी के सालाना कार्यक्रम में सफेद बालों में कभी पॉप सिंगर के लिबास में नज़र आते हैं तो कभी पॉप स्टार के लुक में।

पढ़ाई के दिनों से जैक के साथ रही कैथी झांग उनकी पत्नी हैं। दो बच्चों और 'अली बाबा' के पापा जैक मा चीन, एशिया के बाद अब दुनिया में छाए हुए हैं। कयास तो ये भी लगाए जाते हैं कि वे राजनीति में भी आ सकते हैं।

 

मार्शल आर्ट के खिलाड़ी- जैक मा

जैक मा बिज़नेस के साथ-साथ मार्शल आर्ट भी सीख रहे हैं। वो कितना अच्छा सीख पाए हैं, इसकी एक झलक Gong Shou Dao शॉर्ट फिल्म में देखी जा सकती है।

जैक मा जल्द ही इस शॉर्ट फिल्म में नज़र आएंगे। इस फिल्म के ट्रेलर में रफ़्तार से आती बास्केट बॉल को रोकने से लेकर फ़ाइट सीन तक जैक मा विरोधियों को पटखनी देते नज़र आते हैं।

कुछ कुछ वैसी ही पटखनी जैसे उन्होंने विश्व बाज़ार में अपने विरोधियों को दी है।

जवाब में वेटरेस कहती है- खुल जा सिम सिम। ये सुनते ही जैक हां बोल देते हैं। जैक कॉफ़ी शॉप में हुए इस टेस्ट के बाद गली में जाकर 30 लोगों से पूछते हैं, ''क्या आप लोग अली बाबा को जानते हैं। जर्मनी, इंडिया, टोक्यो

और चीन... सभी लोग अली बाबा को जानते थे।

जैक मा को अपनी कंपनी का नाम मिल चुका था। कहानियों से निकलकर अली बाबा एक वेबसाइट कंपनी की शक्ल ले चुका था।

 

खाली कुंआरे, शॉपिंग में 'भिड़े'

जैसे वेलेंटाइंस डे प्रेमी जोड़ों के मिलन का दिन होता है। चीन में सिंग्लस डे तड़क-भड़क के साथ मनाया जाता है। तारीख 11 नवंबर। यानी डबल इलेवन। इसे एंटी-वेलेंटाइंस डे मान सकते हैं।

जैक मा ने इस तारीख को पैसा कमाने के लिए इस्तेमाल किया। जैसे भारत में त्योहारों पर ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर सेल लगती है। ठीक उसी तरह जैक मा ने साल 2009 से 11 नवंबर को शॉपिंग डे का ट्रेंड शुरू किया।

इस सेल में लोगों को छूट दी जाती है। लोग इस सेल का इंतज़ार करते हैं। हर साल कंपनी अपनी ही कमाई का रिकॉर्ड तोड़ती है।

एएफपी के मुताबिक, साल 2017 के सिंग्लस डे पर अली बाबा ने फिर रिकॉर्ड तोड़कर क़रीब 25 बिलियन डॉलर का व्यापार किया।

जैक की सफलता

जैक की शख़्सियत पर गौर करें तो उन्होंने कभी हार नहीं मानी। जैक मा ज़्यादातर मौकों पर कोई प्रेजेंटेशन तैयार नहीं करते हैं, वो सीधा मंच पर जाने में यक़ीन रखते हैं।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में जैक मा ने अपनी ज़िंदगी के कई राज खोले थे,

हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में 10 बार अप्लाई किया लेकिन हर बार रिजेक्ट हुआ।

जब केएफ़सी चीन आया, तब नौकरी के लिए 24 लोगों ने अप्लाई किया और 23 लोग चुन भी लिए गए। सिर्फ एक को नहीं चुना गया, वो एक मैं था।

हमारी कंपनी में बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी हैं। कंपनी में 47 फ़ीसदी महिलाएं हैं। 21वीं सदी में अगर आपको जीत हासिल करनी है तो दूसरों को ताक़तवर बनाइए। मुझे लगता है कि महिलाएं ख़ुद से ज़्यादा दूसरों के बारे में सोचती हैं।

 

जैक के लिए बेस्ट बिज़नेस प्लान

Posted By: Chandramohan Mishra