अमरनाथ में हुए हादसे की वजह बादल फटना नहीं था। भारतीय मौसम विभाग ने इस बात से इनकार कर दिया। आईएमडी का कहना अमरनाथ गुफा मंदिर के पास हुई मौतों और विनाश का कारण अत्यधिक स्थानीय बारिश की घटना है न कि बादल फटना।

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास हुई मौतों और विनाश का कारण अत्यधिक स्थानीय बारिश की घटना है, न कि बादल फटने की वजह से। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, शुक्रवार को शाम 4.30 बजे से शाम 6.30 बजे के बीच मंदिर में 31 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो कि बादल फटने की कैटेगरी में आने के लिए काफी कम है।

बारिश के कारण अचानक बाढ़
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने पीटीआई को बताया, "अमरनाथ गुफा मंदिर के पास पहाड़ों के ऊंचे इलाकों में बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ सकती है।" आईएमडी के अनुसार, बादल फटना तब माना जाता है यदि एक मौसम स्टेशन एक घंटे में एक इलाके में 100 मिमी बारिश रिकाॅर्ड करता है। आईएमडी के पास अमरनाथ गुफा मंदिर के पास एक स्वचालित मौसम केंद्र है जो तीर्थयात्रा के दौरान मौसम का पूर्वानुमान प्रदान करता है। हालांकि, आसपास के पहाड़ों में उनकी दुर्गमता के कारण कोई मौसम निगरानी स्टेशन नहीं है।

क्या पहले से लगा सकते हैं अनुमान
श्रीनगर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सोनम लोटस ने कहा, "यह केवल पवित्र गुफा के ऊपर एक अत्यधिक स्थानीयकृत बादल था। इस साल की शुरुआत में भी ऐसी बारिश हुई थी।" आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने कहा कि अमरनाथ गुफा मंदिर के ऊपर के क्षेत्र में शाम 5.30 बजे से शाम 6.30 बजे के बीच 28 मिमी बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि बादल फटने की संभावना वाले क्षेत्रों में एक घने रडार नेटवर्क की आवश्यकता होती है या ऐसी घटनाओं के पैमाने को हल करने के लिए बहुत हाई-रिज़ॉल्यूशन मौसम पूर्वानुमान मॉडल की आवश्यकता होती है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari