उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आइएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित किए जाने के बाद उठी बहस के बीच एक आइपीएस अधिकारी ने निलंबन के नियमों में संशोधन की मांग की है. सूचना के अधिकार के तहत कई निलंबित पुलिस अधिकारियों व इंजीनियर की जानकारी इकट्ठा करने के बाद आइपीएस अधिकारी ने सोमवार को ये मांग उठाई. जबकि दुर्गा शक्ति के मामले में ही सपा सरकार के खिलाफ ट्विट कर निशाने पर आए दलित लेखक कंवल भारती को कांग्रेस का साथ मिला है.


अमिताभ ठाकुर ने भेजा मसौदाआइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने केंद्र सरकार के पास एक मसौदा भेजकर निलंबन प्रक्रिया में कुछ परिवर्तन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि ‘मैंने 2004 में इस दर्द को व्यक्तिगत रूप से अनुभव किया, जबकि जांच में मैं निर्दोष साबित हुआ.’ उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में निलंबित किए गए आइपीएस अधिकारियों की बाबत जानकारी एकत्र की. इसमें पता चला कि निलंबित अधिकारी जांच में निर्दोष साबित हुए. उन्होंने कहा कि निलंबन के समय अधिकारी मानसिक यातना झेलता है, जबकि जांच में वह निर्दोष साबित होता है. लिहाजा निलंबन के प्रावधानों में कुछ परिवर्तन होना चाहिए.कंवल भारती में सपा कर रही मौलिक अधिकारों का हनन
इधर, दलित लेखक कंवल भारती के मामले में कांग्रेस का कहना है कि सपा सरकार उनके मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है. प्रदेश  कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री के निर्देश पर 14 अगस्त को विधान परिषद में दल के नेता नसीब पठान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल रामपुर में कंवल भारती से मुलाकात करेगा. दलित लेखक से जानकारी लेकर रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपी जाएगी. अग्रवाल ने कहा कि सपा सरकार के एक कद्दावर मंत्री के इशारे पर कंवल भारती के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की साजिश रची जा रही है लेकिन कांग्रेस इसका विरोध करेगी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh