अमेरिका ने माना है कि जम्‍मू-कश्मीर को लेकर उसकी समझ में विसंगतियां हैं बावजूद इसके उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। कश्मीर को लेकर कोई भी बातचीत भारत और पाकिस्तान के बीच ही होनी चाहिए। यह एक द्विपक्षीय मसला है और दोनों देशों को मिलकर ही जम्‍मू-कश्मीर की समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि कश्मीर को लेकर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।


सवाल हुए थे खड़ेअमेरिकी प्रशासन की ओर से हाल ही कश्मीर पर आए दो तरह के बयानों से उसकी नीति को लेकर सवाल खड़े हुए थे। एक बयान में जम्मू-कश्मीर को भारतीय प्रशासित कहा गया था जबकि एक अन्य बयान में उसे भारत का प्रदेश बताया गया था। असमंजस की यह स्थिति हाल ही में विदेश मंत्रालय द्वारा हिजबुल मुजाहिदीन सरगना सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किये जाने के दौरान पैदा हुई। उसमें जम्मू-कश्मीर को भारत द्वारा प्रशासित बताया गया था। कड़ा एतराज जताया
भारत ने हालांकि कि इसे ज्यादा तूल नहीं दिया और इससे पैदा असमंजस को कम करने की ही कोशिश की। पूर्व में एक बार अमेरिकी विदेश मंत्रालय कश्मीर को भारत के कब्जे वाला भी बता चुका है। हां, आतंकवाद को लेकर 2016 में आई एक अमेरिकी रिपोर्ट में जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को आजाद जम्मू और कश्मीर लिखा गया तो उस पर भारत ने कड़ा एतराज जताया था। इसी पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सफाई दी है कि कश्मीर की स्थिति को समझने में कुछ विसंगतियां हो सकती हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर पर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।

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Posted By: Shweta Mishra