बांग्लादेश में मारे गए अमेरिकी मूल के ब्लॉगर अविजीत रॉय की हत्‍या पेशेवर हत्‍यारों ने की है. रॉय धार्मिक कट्टरता के खिलाफ बहुत खुलकर लिखते थे. पोस्‍टमार्टम करने वाले चिकित्‍सकों के मुताबिक ब्लॉगर के सिर के दाहिने हिस्से पर तेज हथियार से तीन बार आघात किया गया. जिससे आघात के कारण ब्लॉगर के शरीर से अत्यधिक मात्रा में खून बह गया और उनकी मौत हो गयी. पुलिस हत्‍यारों की तलाश में जुटी है.

अविजीत रॉय की हत्या को उपलब्धि बताया
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ढाका चिकित्सा महाविद्यालय में फोरेंसिक विभाग में सहायक प्राचार्य सोहेल मोहम्मद ने कहा कि अविजीत रॉय की हत्या पेशेवरों ने की है. वे यह जानते थे कि आदमी को मारने के लिए कहां पर वार करना है. इस तरह के हमलों बिना किसी पूर्व तैयारी, दक्षता और क्रूरता के अंजाम देना नामुमकिन है. यह उनके शरीर पर हुए हमलों से साफ नजर आ रहा है. उन्होंने बताया कि अविजीत रॉय के सिर के दाहिने हिस्से पर तीन गहरे घाव थे जो चाकू जैसे तेज हथियार से किए गए हमले के कारण हुए थे. इसके अलावा कई घाव एक समान थे. वे एक दूसरे से केवल आधा इंच की दूरी पर थे, और प्रहार बड़ी तेजी से किया गया. प्रहार इतनी तेज था कि हथियार उसकी खोपड़ी के भीतर तक जा पहुंचा था. जिससे खून काफी बहा है. अविजीत रॉय के पिता अजय रॉय ने शाहबाग पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया है. हालांकि पुलिस इस मामले में अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर पायी. वहीं अंसार बांग्ला 7, नामक एक टि्वटर अकाउंट ने अविजीत रॉय की हत्या को उपलब्धि बताया है.

हमले में अहमद गंभीर रूप से घायल हो गईं
ब्लॉगर अविजीत रॉय और उनकी पत्नी रफीदा अहमद गुरुवार की रात ढाका यूनिवर्सिटी में एक बुक फेयर से लौट रहे थे. इस दौरान रास्ते में एक भीड़ भरे इलाके में उन पर हमला हुआ. इस हमले में अहमद गंभीर रूप से घायल हो गईं. उनकी पत्नी वह खुद भी एक ब्लॉगर हैं. वहीं रॉय के छोटे भाई अनुजित ने बताया कि वह इसी महीने बांग्लादेश आए थे और मार्च में वापस अमेरिका जाने की योजना बना रहे थे. अविजीत रॉय धार्मिक कट्टरता के खिलाफ जमकर लिखते थे. जिससे इनके लेखन को लेकर पहले भी उन्हें धमकियां दी जा चुकी थी. रॉय ने मश्हूर बांग्ला ब्लॉग मुक्त-मन की स्थापना भी की थी. जिसमें वैज्ञानिक नजरिए से धार्मिक कट्टरता का विरोध करते लेख प्रकाशित होते हैं.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh