- लॉकडाउन के दौरान फिर पापुलर हो रहे हैं नान ओलंपिक गेम्स

- घरों में कहीं खेला जा रहे गिट्टे, तो कहीं रुमाल छू

LUCKNOW :

पोषम्पा भई पोषम्पा अब तो जेल में जाना पड़ेगा जैसे स्वर आजकल राजधानी के कई घरों में गूंज रहे हैं। जी हां, जो खेल लगभग अपना अस्तित्व खो चुके हैं, वे इस लॉकडाउन के दौरान फिर से घरों में खेले जाने लगे हैं। घरों में लोग आंगन में सिकड़ी बनाकर इक्कट-दुक्कट जैसे खेल खेल रहे हैं। इन खेलों में फैमली के सभी सदस्य शामिल हो रहे हैं। बच्चों को इन खेलों में खूब मजा आ रहा है।

माइंड होता है फ्रेस

लॉकडाउन के चलते लोग घरों के अंदर खेले जाने वाले खेल खेलने को मजबूर हैं। वे ऐसे खेल चुन रहे हैं, जिससे टाइम तो पास हो ही साथ ही चोट भी न लगे। ऐसे में नॉन ओलंपिक गेम्स ज्यादा पापुलर हो रहे हैं। ज्वाइंट फैमली में खो-खो, ऊंच-नीच, रुमाल छू आदि गेम खेले जा रहे हैं। जिन घरों में सदस्यों की संख्या कम है वहां पोषम्पा भई पोषम्पा, गिट्टे, सिकड़ी, कैरम, लूडो, सांप-सीढ़ी आदि खेल खेले जा रहे हैं। इन खेलों से लोग माइंड फ्रेश कर रहे हैं।

बढ़ता है आत्मविश्वास

नॉन ओलंपिक एसोसिएशन से जुड़े लोगों के अनुसार इन खेलों का अस्तित्व बचाने के प्रयास चल रहे हैं। पहले इस खेलों के आयोजन होते रहे हैं, जिसमें विभिन्न इलाकों के लोग शामिल होते थे। इसमें वे लोग शामिल होते थे जिन्हें एक्सपोजर नहीं मिलता था। जबकि इन खेलों से लोगों का मनोबल बढ़ता है। महिलाएं इन खेलों में अधिक हिस्सा लेती थीं।

प्रोफेशनल खेलों के साथ इन खेलों का आयोजन भी जरूरी है, इससे उन लोगों का मनोबल बढ़ता है, जो घरों में रहते हैं। इन खेलों से उन लोगों को जोड़ा जा सकता है, जिन्हें समाज में कहीं कुछ कर दिखाने का मौका नहीं मिलता।

डॉ। सुधा वाजपेयी, साहस स्पो‌र्ट्स अकादमी

भूले-बिसरे स्पो‌र्ट्स के आयोजनकर्ता

महिलाएं खेलती हैं ज्यादा

राजधानी में आठ से दस हजार लोग प्रोफेशनल खेलों से जुड़े हैं। वहीं बड़ी संख्या में मोबाइल और इंटरनेट पर भी गेम्स खेलने वाले मौजूद हैं। वहीं नॉन ओलंपिक गेम्स खेलने वालों की संख्या भी काफी है। ज्वाइंट फैमली में महिलाओं के ये पसंदीदा खेल हैं।

Posted By: Inextlive