DEHRADUN : जॉब दिलाने के नाम पर एक युवती से रेप करने के आरोप में जेल की हवा खा रहे जेपी जोशी द्वारा युवती के खिलाफ दर्ज कराए गए ब्लैकमेल करने के आरोप में पुलिस ने लड़की सहित कुल दो लोगों को अरेस्ट किया है. दोनों की अरेस्टिंग के साथ ही इस बड़े गेम प्लान का पूरा चेहरा खुलकर सामने आ गया है जिसमें कुछ दिन पूर्व खुद को पाक साफ बताने वाली कांग्रेस लीडर रितु कंडियाल की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई. पकड़ी गई लड़की को पुलिस ने 25 हजार के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया. वहीं पुलिस अब इस बेहद चर्चित हो चुके हाई प्रोफाइल केस का पूरा सच जानने के लिए कानूनी सलाह भी लेने जा रही है.


जाखन में छिपकर रह रही थी आरोपी फ्राइडे देर शाम प्रेस कांफ्रेंस करते हुए प्रदेश के पुलिस मुखिया बीएस सिद्धू ने बताया कि, ब्लैकमेल की आरोपी लड़की को सिटी जाखन एरिया स्थित भागीरथीपुरम कालोनी के फ्लैट से गिरफ्तार किया गया. उसके साथ फ्लैट का मालिक नीरज चौहान भी था. जिसे पूरे प्लान में शामिल बताया गया. नीरज के पिता की मौत हो चुकी है और वे पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. मृतक आश्रित के तौर पर नौकरी प्राप्त करने के बाद नीरज ट्रेनिंग के दौरान ही भाग निकला और बाद में उसने एक टीवी चैनल में नौकरी शुरू कर दी. गिरफ्तारी से बचने के लिए लड़की ने ना केवल सिम कार्ड बदला बल्कि अपना सेल फोन भी चेंज किया. फ्राइडे दिन में करीब 12 बजे एसटीएफ और जांचकर्ता टीम ने आखिरकार उसे सर्विलांस की मदद से धर दबोचा.पूछताछ में सच आया सामने


पुलिस टीम ने दोनों से करीब साढ़े तीन घंटे तक कड़ी पूछताछ की. इस दौरान ब्लैकमेलिंग का पूरा खेल खुलकर सामने आ गया. डीजीपी सिद्धू के मुताबिक, जिस रात जेपी जोशी की सीडी तैयार की गई उस रात नैनिताल में उसके तीन साथी और रुके थे. लड़की ने जल्दबाजी में कैमरा भी उल्टा लगा दिया था. पूछताछ में पुलिस को पता लगा कि नीरज, अमित गर्ग के अलावा तीन और लोग इस पूरे प्लान में शामिल हैैं. जिनमें से एक मास्टर माइंड बताया गया. अमित गर्ग दून का ही रहने वाला है और वह फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. डीजीपी की माने तो जेपी जोशी को धमकी देने वाला शख्स अमित ही है. अमित ने ही फेक आईडी पर लिए गए सिम के जरिए शोएब और एमपी सिंह के नाम से जोशी को धमकी दी थी.रितु कंडियाल बनी थी मिडल मैन

सीडी टीवी चैनल पर ना प्रसारित करने के एवज में जेपी जोशी से तीन करोड़ की मांग की गई थी. कुछ दिन पूर्व सोशल साइट पर आकर खुद को पाक साफ बताने वाली कांग्रेस लीडर रितु कंडियाल ब्लैकमेलिंग का एक पार्ट रही हैैं. डीजीपी सिद्धू के मुताबिक, रितु ने ही अपर सचिव जेपी जोशी को तीन करोड़ रुपए मांगे जाने की जानकारी दी थी. इसी लीडर को पुलिस ने बीते दिनों क्लीन चिट दे दिया था. यहां सवाल ये उठता है कि क्या रितु कंडियाल भी ब्लैकमेल करने वालों की टीम में शामिल थी. अगर नहीं, तो फिर उन्होंने जोशी को इस बात की जानकारी कहां से दे दी कि सीडी ना दिखाने के एवज में तीन करोड़ की मांग की जा रही है.बाहर चली गई मैडम कांग्रेस लीडर रितु कंडियाल को लेकर सॉफ्ट कार्नर रखने वाली स्टेट पुलिस के लिए पूरी तरह क्लीन चिट देना अब आसान नहीं होगा. 21 नवंबर को इस मामले में जेपी जोशी ने बसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. उसके ठीक दो दिन पहले रितु 19 नवंबर को अचानक विदेश यात्रा पर निकल गई. सवाल इस पर भी उठाए जा रहे हैं. कुछ इसी तरह पहले पुलिस ने दून के एसपी रूरल रहे जगदीश भंडारी को भी पाक साफ बताते हुए पूरे मामले से दूर कर दिया था, हालांकि पुलिस अब भी भंडारी को क्लीन चिट दिए जाने के स्टैैंड पर कायम है. डीजीपी ने कहा रितु कंडियाल के विदेश से वापस आने के बाद ही इस संदर्भ में जांच की जा सकेगी.दून की रहने वाली है लड़की

मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही पुलिस को अपने पीछे दौड़ाने वाली ब्लैकमेल की आरोपी लड़की मूल रूप से दून की ही रहने वाली है. पुलिस के मुताबिक, कुछ समय पूर्व ही उसने एक समाचार पत्र में विज्ञापन देकर अपना नाम चेंज करने की घोषणा की थी. जांचकर्ता टीम के साथ ही स्थानीय दून पुलिस के लिए भी लड़की के एड्रेस का सही-सही ना पता होना सोचनीय पहलू है. पूरे प्रकरण में जिस टीवी चैनल के नाम की चर्चा है उसका आफिस भी उसी एरिया में है जहां की वह रहने वाली है. सूत्रों की माने तो चैनल के कुछ बड़े नाम भी इस ब्लैकमेलिंग के खेल में शामिल हैैं.164 के दोबारा बयान पर कानूनी सलाहदरअसल, ब्लैकमेल करने की आरोपी लड़की और उसके एक साथी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस खुद भी हैरान है. इसके पीछे युवती का 164 का वह बयान है जिसे उसने कोर्ट में दर्ज कराया है. डीजीपी बीएस सिद्धू के मुताबिक पुलिस ये जानने के लिए कानूनी सलाह लेगी कि क्या दोबारा उसके 164 के बयान कोर्ट में दर्ज कराए जा सकते हैैं. इसके साथ ही क्या ट्रांजिट बेल के दौरान आरोपी को रिमांड पर लिया जा सकता है. इस पर एडवाइस लेने के बाद ही पुलिस टीम अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाएगी. माना जा रहा गिरफ्तारी के बाद जो सच सामने आया है उसमें पूरे केस की एक दूसरी तस्वीर भी उभर कर सामने आई है.कानून का फायदा उठा रहे शातिर
दिल्ली के चर्चित निर्भया कांड के बाद देश की उच्चतम अदालत ने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए कानून में कई सारे बदलाव किए. जिसके सकारात्मक पहलू भी सामने आए और रेप, गैैंगरेप आदि केस में सजाएं जल्द होने लगी. डीजीपी ने कहा कुछ शातिर दिमाग लोग कानून में किए गए बदलाव का दुरुपयोग कर रहे हैैं जिसमें लड़की को आगे कर सारा गेम रचा जा रहा. ये ना केवल चिंताजनक तथ्य है बल्कि इसके कई साइड इफेक्ट भी हैैं. ब्लैकमेलिंग का ये मामला भी कुछ इसी तरह का है. जिसके हर बिंदु की बेहद गंभीरता के साथ जांच की जा रही है.पुलिस इस बाबत कानूनी सलाह लेने जा रही है कि क्या पूर्व में 164 के बयान दर्ज होने के बाद दोबारा ये बयान कोर्ट में दर्ज कराए जा सकते हैैं. इसके साथ ही ये भी जानने का प्रयास होगा कि, ट्रांजिट बेल के दौरान रिमांड लेने की प्रक्रिया संभव है या नहीं.-बीएस सिद्धू, डीजीपी

Posted By: Ravi Pal