भारत की सेनाएं हर स्थिति में देश के नागरिकों को संकट से निकालने में एक्टिव हती है। ऐसे में इस समय लाॅकडाउन के दाैरान भारतीय सेना ने जहां एलओसी के पास फंसी प्रेंग्नेट लेडी को बचाया तो वहीं दूसरी नाैसेना ने लाॅकडाउन के कारण नाव में फंसे 10 मछुआरों को बचाया।

दिल्ली/श्रीनगर (आईएएनस)। भारतीय सेना की स्नो लेपर्ड ब्रिगेड ने गुरुवार को एलओसी के पास डावर में बर्फीले इलाके में फंसी एक प्रेग्नेंट लेडी को एयरलिफ्ट करके इलाज के लिए श्रीनगर पहुंचाया। गंभीर रूप से बीमार महिला का लाल डेड अस्पताल में इलाज चल रहा है। आर्मी के अधिकारियों ने बताया कि 1 अप्रैल को स्नो लेपर्ड ब्रिगेड के डावर आर्मी कैंप को सूचना मिली की एलओसी से सटे गांव सतनी की गर्भवती महिला जैतूना बेगम को मदद की जरूरत है। वह गंभीर रूप से बुरी तरह से बीमार हैं और अस्पताल नहीं पहुंच पा रही है। इस पर जब सुरक्षा कर्मी वहां पहुंचे तो देखा कि जैतूना प्रेग्नेंसी पेन से काफी तड़प रही थीं। उसका होमोग्लोबिन भी कम होने के साथ उसे तुरंत सर्जरी की जरूरत थी। इसके बाद सेना ने तुरंत उसे डावर आर्मी कैंप पहुंचाया, जहां सेना की मेडिकल टीम के साथ स्थानीय चिकित्सक ने उसका चेकअप किया। इसके बाद गुरुवार को उसे दूसरे अस्पताल पहुंचा गया। स्नो लेपर्ड ब्रिगेड ने उसे एयरलिफ्ट करके इलाज के लिए श्रीनगर पहुंचाया।

लॉकडाउन के कारण फंसे 10 मछुआरों को बचाया

वहीं भारतीय नौसेना ने लॉकडाउन के कारण फंसे 10 मछुआरों को बचाया। भारतीय नौसेना ने कोच्चि तट से दूर, मछली पकड़ने वाली नाव में फंसे तमिलनाडु मूल के 10 मछुआरों की मदद कर उन्हें बचाया। 10 क्रू वाली इस नाव में तमिलनाडु के घरेलू बंदरगाह कोलाचेल तक पहुंचने के लिए पर्याप्त ईंधन, पानी और राशन मौजूद नहीं था और वह कोच्चि तट पर ही फंस गया। इसके बाद मछली पकड़ने वाली नाव को उनके घर के बंदरगाह तक पहुंचने के लिए 300 लीटर ईंधन, पानी और आवश्यक राशन उपलब्ध कराकर सहायता प्रदान किया। कोविड-19 के लिए मौजूदा स्वास्थ्य सलाह को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि नाव या चालक दल के साथ बिना किसी शारीरिक संपर्क के पूरा किया जाए। यह नाव 12 मार्च को कोच्चि से अरब सागर में मछली पकड़ने के लिए रवाना हुई थी और तब से अबतक यह किसी भी अन्य बंदरगाह तक नहीं पहुंचा है।

Posted By: Shweta Mishra