- पाइन डिविजन वार मेमोरियल में शहीदों को अर्पित किए श्रद्धासुमन

- आर्मी बैंड के संग शहीदों को दी सलामी

Meerut : कारगिल लड़ाई के शहीदों का एक बार फिर पुण्य स्मरण किया गया। रविवार को इन वीर सपूतों की याद में विजय दिवस मनाया गया। श्रद्धासुमन अर्पित कर सलामी दी गई। कारगिल विजय के 16वीं वर्षगांठ पर मेरठ के पाइन डिविजन वार मेमोरियल में आर्मी अफसरों, रिटायर्ड आर्मी अफसरों और जवानों ने उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने कारगिल की लड़ाई में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। सुबह पाइन डिविजन के वार मेमोरियल में आर्मी बैंड के साथ शहीदों को याद किया गया। पाइन डिविजन के मेजर जनरल अनिल कुमार सप्रा ने शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि और गार्ड ऑफ ऑनर दी। विजिटर बुक में इस दिवस के क्षणों को अंकित किया। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जेएस वर्मा ने शहीदों को याद किया। इस अवसर पर सैन्य अधिकारियों के अलावा सेना के जवान, रिटायर्ड सैन्य अधिकारी मौजूद रहे।

जवानों का हौसला बढ़ाया

कारगिल के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने के बाद मेजर जनरल एके सप्रा चाय पार्टी के दौरान सेना के जवानों से भी रूबरू हुए। उन्होंने जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि वह हरदम चुस्त-दुरुस्त रहें। हमें हर परिस्थितियों में दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब देना होगा।

कारगिल में सैकड़ों हुए थे शहीद

मई 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले से लड़ाई शुरू हुई। बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों और पाक समर्थित आतंकवादियों का लाइन ऑफ कंट्रोल यानी भारत-पाकिस्तान की वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतर प्रवेश हो चुका था। पूरे दो महीने से ज्यादा समय तक यह लड़ाई चली। इसमें भारतीय थलसेना व वायुसेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल पार न करने के आदेश के बाद भी अपनी मातृभूमि में घुसे दुश्मनों को मार भगाया था। इस युद्ध की हमें कीमत भी चुकानी पड़ी। हमारे करीब 527 से अधिक वीर योद्धा शहीद व 1363 से ज्यादा घायल हो गए। इन शहीदों ने भारतीय सेना की शौर्य व बलिदान की उस सर्वोच्च परम्परा का निर्वाह किया, जिसकी शपथ हर जवान तिरंगे के सामने लेता है। मातृभूमि पर अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस मनाया जाता है।

Posted By: Inextlive