खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के बारे में आपने काफी कुछ पढ़ा और देखा होगा। वह एक खतरनाक आतंकवादी तो था ही साथ ही उसका दिमाग काफी तेज भी था। 2010 में जब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में थी तब ओसामा ने सोने में निवेश करना बेहतर समझा था।

सोने में निवेश
खबरों की मानें तो 2010 साल ओसामा के लिए काफी अच्छा था। इस साल के आखिर में अल-कायदा को बतौर फिरौती 50 लाख डॉलर की रकम हासिल हुई थी। ऐसे में अलकायदा के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि इस पैसे का कहां इस्तेमाल किया जाए। उस समय दुनिया 2010 की आर्थिक मंदी के संकट से उबर रही थी और सोने में निवेश करना काफी बढ़िया था। ओसामा भी यह बात जानता था और इसलिए उसने सोने में ही निवेश करने का कदम उठाया।
लेटर से हुआ खुलासा
दिसंबर 2010 में ओसामा ने अल-कायदा के जनरल मैनेजर को एक लेटर लिखा। इसमें उसने कहा कि 50 लाख डॉलर की जो रकम मिली है, उसका एक-तिहाई हिस्सा यानी तकरीबन 17 लाख डॉलर को निकालकर अलग रख दिया जाए। इस पैसे का इस्तेमाल सोने के सिक्के और बार खरीदने में किया जाएगा। आपको बता दें कि अमेरीकी नेवी सील ने जब ओसामा के ऐबटाबाद स्थित ठिकाने पर कार्रवाई की थी, तब अरबी में लिखा गया यह लेटर भी मिला था। बाद में इसका अनुवाद किया गया और यह बात सामने आई। अमेरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने पिछले महीने जब इस लेटर को सार्वजनिक किया, तब यह बात निकलकर सामने आई।
सोना और यूरो खरीदने में था विश्वास
इस लेटर में ओसामा ने लिखा था कि सोने की कीमत ऊपर की तरफ जा रही है। कभी-कभार की गिरावट को छोड़ दिया जाए तो अगले कुछ सालों में सोने की कीमत 3,000 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच जाएगी। फिरौती के बदले जो रकम मिली है, मुझे लगता है आपको उसके एक-तिहाई हिस्से का इस्तेमाल सोना खरीदने में और एक-तिहाई का इस्तेमाल यूरो खरीदने में करना चाहिए। इसके बाद जो रकम बचे उसका इस्तेमाल पहले कुवैती दिनार, फिर चीनी करंसी खरीदने में किया जाए। और बाकी की रकम रोजाना के खर्चे के लिए रखी जाए। 2011 में ओसामा की मौत के पांच महीने बाद सोने की कीमतें दो हजार डॉलर प्रति आउंस के करीब थीं।
इतने पैसे कहां से आए
अमेरीकी अधिकारियों के मुताबिक, अलकायदा ने सोने का इस्तेमाल सुरक्षित निवेश और डॉलर के बदले वैकल्पिक करंसी के तौर पर किया। जॉर्ज बुश प्रशासन में डेप्युटी सिक्यॉरिटी अडवाइजर रहे जुआन सी जराते बताते हैं कि कि इस बात को लेकर हमेशा अटकलबाजियों का बाजार गर्म रहता था कि अल-कायदा के पास इतने पैसे कैसे हैं।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari