Patna Airport: अब फ्लाइट पर नहीं पड़ेगी कोहरे की मार
PATNA: अब पटना एयरपोर्ट पर कोहरे के समय फ्लाई की उडान प्रभावित नहीं होगी। इसके लिए खास व्यवस्था की गई है। पहले जहां कोहरा के समय एयरपोर्ट पर फ्लाइट उतारने के लिए 420 मीटर में विशेष सिग्नल लाइट लगाया गया था अब इसे बढ़ाकर 720 मीटर किया जाएगा। इस बात की जानकारी पटना एयरपोर्ट निदेशक बीसीएच नेगी ने पटना एयरपोर्ट के डेवलपमेंट और मेंटनेंस पर पटना डीएम कुमार रवि को जानकारी देते हुए कही। नेगी ने बताया कि फ्लाइट उतरने के लिए मिनिमम विजिबिलिटी एक हजार मीटर होता है। लेकिन विशेष सिगनल लाईट के 720 मीटर हो जाने के बाद 750 मीटर पर यह उतारा जा सकेगा। इस प्रकार, घना कोहरा के कारण प्राय: फ्लाइट जो डीले या कैंसिल हो जाती थी, उसमें सुधार होगा। खास तौर पर दिसंबर और जनवरी के समय इससे काफी सुधार होगा।
दो विभाग से मिलेगा एनओसी
विशेष सिगनल लाइट लगाने के एि दो विभागों से एनओसी लेना होगा। इंजीनियर, आरसीडी, न्यू कैपिटल पटना इस लाईट को लगवाने के लिए एनओसी देंगे जिससे ट्रैफिक बाधित न हो। वहीं, संजय गांधी जैविक उद्यान में सिगनल लाईट लगाने के पूर्व यहां के निदेशक एनओसी देंगे। इसके उपरांत ही काम शुरू होगा। डीएम कुमार रवि ने इस संबंध में आदेश दिया है। इसलिए यह काम तेजी से होगा।
इन दिनों पटना एयरपोर्ट में नए टर्मिनल का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य वर्ष 2022 तक पूरा हो जायेगा। इसे लेकर कई पुराने भवनों को तोड़ा गया है। अब एयरपोर्ट टर्मिनल के सामने के पोर्टिको के सामने काम शुरू होगा। इसके कारण अभी जो ट्रैफिक है उसमें बदलाव किया जाएगा।पार्किंग होगा सिफ्ट
वैकल्पिक मार्ग के रूप में वर्तमान स्टेट हैंगर के रास्ते से अंदर जाते हुए वहां के भवनों के बीच से रास्ते पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस मामले में डीएम कुमार रवि ने बताया कि वर्तमान में वहां पार्किंग को शिफ्ट करने का काम शुरू होगा। ताकि ट्रैफिक नियंत्रण में कठिनाई न हो तथा वैकल्पिक मार्ग से ट्रैफिक नियंत्रण हेतु समुचित कार्रवाई किया जा सके। नई ट्रैफिक व्यवस्था लागू होने की स्थिति में टर्मिनल बिल्डिंग के सामने पार्किंग नहीं होगी।
इमरजेंसी लैडिंग की व्यवस्था
वर्तमान एयरपोर्ट के दक्षिणी भाग के खाली हिस्से के जमीन में आईसोलेशन बे बनाया जायेगा। अगर आपात स्थिति में एवं विमान के हाईजेक होने की स्थिति होती है तो यहां पर हवाई जहाज को उतारने एवं ठहराने हेतु पर्याप्त जगह रहेगा। इससे यात्रियों को सुरक्षित बचाया जा सकता है। अभी तक इमरजेंसी की स्थिति में काफी परेशानी होती है।