अपने लिए अच्छी नौकरी की तलाश में लगे लोगों के लिए बायोडाटा या रिज़्यूमे बनाना हमेशा मुश्किल भरा होता है.


रिज़्यूमे तैयार करते वक्त अधिकांश लोग फैंसी शब्दों या कहें रिझाने के लिए विशेषणयुक्त शब्दों का इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही करते हैं. इसका इस्तेमाल ज़्यादातर लोग नियोक्ताओं को लुभाने के लिए करते हैं.क्या वाकई नियोक्ताओं पर इसका असर होता है? अगर आपको लगता है कि इन शब्दों का असर होता है तो सावधानी बरतिए. क्योंकि फैंसी शब्दों के इस्तेमाल का नियोक्ताओं पर उल्टा असर होता है, वे ठिठक जाते हैं.इस नतीजे तक पहुंचने के लिए हमने एक ख़ास साइट क्योरा की मदद ली जो एक तरह से सवाल-जवाब पर आधारित वेबसाइट है. हमने इसके जरिए यह जानने की कोशिश की कि रिज़्यूमे में इस्तेमाल होने वाला सबसे ग़ैर ज़रूरी और ख़राब शब्द कौन सा है.सबसे बेकार शब्दइस सवाल के जो जवाब मिले हैं, वो कुछ इस तरह से हैं.


वहीं, करियर सलाहकार इरिन ब्रेकरी रॉवनर बताती हैं, "वेरियस शब्द का इस्तेमाल रिज़्यूमे में सबसे ज़्यादा होता है. इसका इस्तेमाल विशेषण के तौर पर होता है, लेकिन यह आपके गुणों को कम कर देता है."

रॉवनर के मुताबिक, "ज़्यादातर लोग डिफरेंट शब्द की जगह वेरियस का इस्तेमाल करते हैं. लोग लिखते हैं कि मैंने वेरियस प्रोजक्ट पर काम किया है. वे काम का विवरण नहीं लिखते है, बस वेरियस लिख डालते हैं."रॉवनर सलाह देती हैं कि वेरियस शब्द को रिज़्यूमे से हटा देना चाहिए. वह कहती हैं, "आपने जिन प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, उसके बारे में बताइए. अगर आपको वेरियस शब्द का इस्तेमाल करना ही हो तो उसकी जगह दूसरे शब्द का इस्तेमाल कीजिए."वहीं, जिम ब्रोआइल्स कहते हैं कि रिज़्यूमे में वेरी शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए. वे कहते हैं, "वेरी शब्द का इस्तेमाल तो रिज़्यूमे और किसी तरह के पेशेवर संवाद में नहीं करना चाहिए. इससे संवाद को कोई फ़ायदा नहीं होता, केवल आपकी अतिशयोक्ति जाहिर होती है."इनसे बचना चाहिएहेनेस्सी के मुताबिक इस शब्द का इस्तेमाल रेस्तरां और हॉस्पिटलिटी सेक्टर की नौकरियों में बहुत ज्यादा होता है.नेड होरवाथ ने मुताबिक अपेक्षाकृत उम्रदराज लोग अपने रिज़्यूमे में प्रॉब्लम सॉल्वर शब्द का इस्तेमाल करते हैं. वे कहते हैं, "ऐसे लोग अपने रिज़्यूमे में लिखते हैं उनकी कुशलता अत्याधुनिक नहीं है, लेकिन अपने अनुभव के चलते वे सामान्य तौर में उपयोगी भूमिका निभा सकते हैं."

ऐसे लोगों को सलाह देते हुए होरवाथ कहते हैं कि इंटरनेट पर इतना कुछ स्व-शिक्षा का संसाधन उपलब्ध है, कई सलाह समूह भी काम कर रहे हैं लिहाजा उन्हें खुद को आधुनिक क्षमता से निपुण करना चाहिए.(क्योरा पर जवाब देने वालों को साइट की वास्तविक नाम देने की नीति के चलते अपना नाम देना होता है. गुणवत्ता और वैधता की जांच के लिए क्योरा उन विशेषज्ञों से उनके क्षेत्र के कुछ सवाल पूछता है.)

Posted By: Satyendra Kumar Singh