-बांदा से आए भाई व भतीजों के अलावा गाजियाबाद के समर्थकों ने ली जमानत

-चार सप्ताह में जमा कराने होंगे सवा दो करोड़ रुपये

द्द॥नर््ढ्ढन्क्चन्ष्ठ: 35 करोड़ के एनआरएचएम घोटाले के मुख्य आरोपी व पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा लगभग चार साल बाद जेल से रिहा हो गए। गाजियाबाद सीबीआइ कोर्ट की विशेष जज जी श्रीदेवी ने एक मामले में 75 लाख व तीन मामलों में 50-50 लाख रुपये जमा कराने के आदेश दिए। पचास-पचास हजार रुपये के आठ जमानतियों ने बांड पेश किया। अदालत से साढ़े चार बजे परवाना जेल में पहुंचा और लगभग एक घंटे बाद जेल से छूटकर उन्होंने खुली हवा में सांस ली। पूर्व निदेशक परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य डॉ। एसपी राम के जमानतियों की व्यवस्था न हो पाने के कारण जेल से नहीं छूट पाए, एक अन्य आरोपी डीके सिंह भी जेल से छूट गए। अदालत ने कुशवाहा को चारों मामलों में सवा दो करोड़ रुपये चार सप्ताह में जमा कराने का समय दिया है।

घोटाले के एक आरोपी डीके सिंह को भी दो लाख रुपये जमा कराने के आदेश के साथ ही 50-50 हजार रुपये के तीन के बांड जमा कराने पर जमानत मिल गई। डीके सिंह नेहरू युवा केंद्र लखनऊ में समन्वयक थे, वह घोटाले में 15 नवंबर 2012 से बंद थे।

कुशवाहा की जमानत के लिए परिजनों के अलावा गाजियाबाद के लोग भी आगे आए। कुशवाहा के बड़े भाई व बांदा निवासी राम लखन कुशवाहा, भतीजे अंकित, रिश्तेदार विमल कुमार व शिवचरण ने जमानत ली। जबकि गाजियाबाद के चमन, छत्रपाल, अंकित व योगेश ने पचास-पचास हजार रुपये के बांड प्रस्तुत कर जमानत ली।

अभियोजक ने किया था विरोध

वरिष्ठ लोक अभियोजक बीके शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिन में प्रमुख गवाह पेश कर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था, लेकिन अदालत के काम के हिसाब से मात्र 35 दिन मिले, उसमें भी कचहरी में दस दिन हड़ताल रही। अदालत में गवाह पेश करने के लिए मात्र 25 दिन मिले। इस दौरान 20 प्रमुख गवाह पेश किए गए, अभी और गवाह पेश करने का अतिरिक्त समय दिया जाए।

बाबू सिंह एनआरएचएम घोटाले में 2012 से डासना जेल में बंद थे। चार नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद सीबीआइ कोर्ट को आवश्यक कार्यवाही और गवाही कराने के बाद बाबू सिंह को जमानत देने के बारे में कहा था।

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Posted By: Inextlive