- पुलिस ट्रेनिंग स्कूल भेजने की सिफारिश करेंगे एसएसपी

- दरोगाओं के कार्यव्यवहार, अनुशासनहीनता का असर

GORAKHPUR: पुलिस की छवि सुधार मुहिम में ब्रेक लगा रहे पुलिस कर्मचारियों का खराब व्यवहार उनके करियर के लिए खतरा बन सकता है। पब्लिक के साथ-साथ विभागीय अनुशासनहीनता सामने आने पर पुलिस कर्मचारियों को ट्रेनिंग के लिए रिवर्ट कर दिया जाएगा। जिले में नए बैच के दरोगाओं से इसकी शुरूआत की जा चुकी है। गुटखा खाकर कप्तान से बात करने वाले दरोगा को दोबारा ट्रेनिंग पर भेजने का निर्देश एसएसपी ने दिया है। एसएसपी ने कहा है कि आदत में सुधार न आने की दशा में चिहिन्त किए गए सभी दरोगाओं को दोबारा ट्रेनिंग के लिए रिवर्ट किया जाएगा।

अनुशासनहीनता से टूट रहा सिस्टम, झेल रही पब्लिक

पुलिस विभाग का कामकाज अनुशासन से चलता है। ऑर्डर ऑफ कमांड ठीक से फॉलो न होने पर सिस्टम प्रभावित होता है। इसका सीधा असर पब्लिक पर पड़ता है। पुलिस कर्मचारियों की मनमानी का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ता है। ऐसे में जहां पुलिस की छवि खराब होती है। वहीं समाज का भरोसा उठता जाता है। पुलिस और पब्लिक के बीच की खाई पाटने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसलिए तमाम कार्यो में पुलिस बढ़चढ़कर भागीदारी निभा रही है। एक तरफ जहां कुछ पुलिस कर्मचारी अच्छे कामकाज, कार्य व्यवहार से मिसाल कायम कर रहे। वहीं दूसरी ओर कई ऐसे पुलिस वाले हैं जो अपनी खराब आदतों से सीनियर अफसरों की साख पर बट्टा लगा रहे। ऐसे पुलिस कर्मचारियों को व्यवहारिक प्रशिक्षण देने के लिए दोबारा ट्रेनिंग स्कूल भेजने की तैयारी की गई है।

केस 1

हां साहब मुंह में गुटखा दबाया हूं

शुक्रवार की रात श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर देर रात एसएसपी डॉ। सुनील गुप्ता भ्रमण करने निकले थे। नगर निगम के पास उनकी मुलाकात एक दरोगा से हुई। एसएसपी ने जब दरोगा को बुलाकर हालचाल पूछा तो बिना कैप लगाए वह सामने आ गया। हद तो तब हो गई जब वह गुटखा चबाते हुए एसएसपी से बात करता रहा। एसएसपी ने जब दरोगा से पूछा तो क्या खाए हो तो वह बोल पड़ा कि गुटखा मुंह में दबाए हैं। हालांकि कप्तान के साथ मौजूद पीआरओ ने दरोगा को इशारा करके थूकने का संकेत दिया लेकिन वह अपनी मनमानी पर उतारू था।

केस 2

हटा दीजिए सर, एसओ करते उल्टा-पुल्टा डिमांड

गगहा एरिया के गजपुर पुलिस चौकी पर तैनात एसआई शनिवार की देर रात एसएसपी कैंप ऑफिस पर पहुंचे। एसएसपी से मिलते ही दरोगा की आंखों में आंसू आ गए। अपना एप्लीकेशन देते हुए दरोगा ने कहा कि हमको गजपुर से हटा दीजिए। एसएसपी ने पूछा क्यों भाई, यंग हो, अच्छा काम कर रहे हो। तब दरोगा ने कहा कि हम, एसओ साहब की डिमांड नहीं पूरी कर पाएंगे। इसलिए वहां से हट जाना ही ठीक रहेगा। एसएसपी भी इस सोच में पड़ गए कि आखिर एसओ क्या मांग रहे हैं जो दरोगा इतने पीडि़त हैं। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया।

दोबारा ट्रेनिंग से सुधरेगा कार्य-व्यवहार

इन दो घटनाओं से साफ है कि पुलिस महकमे में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है। विभागीय अनुशासनहीनता और मनमानी रवैये से आंतरिक कलह बढ़ती जा रही है। कलह और मतभेद की वजह से दरोगाओं और थानेदारों में ट्यूनिंग नहीं हो पा रही। तो दूसरी ओर वर्दी पहनकर मनमानी करने वाले पुलिस कर्मचारियों की तादाद बढ़ती जा रही है। जिसका खामियाजा कहीं न कहीं पब्लिक को भुगतना पड़ रहा। पुलिस महकमे से जुड़े लोगों का कहना है कि कुछ लोगों की वजह से वर्दी की साख में बट्टा लग रहा। जिसे बचाने के लिए उनको दोबारा ट्रेनिंग पर भेजने की जरूरत सामने आई है। इससे उनके कार्य व्यवहार में बदलाव की उम्मीद जगी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अनुशासन बहुत जरूरी है।

वर्जन

कुछ पुलिस कर्मचारियों को बार-बार वॉर्निग दी गई है। लेकिन उनकी आदतों में सुधार नहीं हो रहा है। ऐसे लोगों को फिर से ट्रेनिंग के लिए रिवर्ट किया जाएगा। जो शिकायतें सामने आ रही हैं उनमें विभागीय कार्रवाई की जा रही है। अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

- डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी

Posted By: Inextlive