- कैलाश मंदिर में भोर से देररात तक चला पूजा-अर्चना का सिलसिला, उमड़ते रहे भक्त

-मेला में झूलों का उठाया लुत्फ, पकवानों के जायका के साथ जमकर खरीदारी

आगरा। सावन के तीसरे सोमवार को ऐतिहासिक मंदिर कैलाश महादेव बम-बम भोले के जयकारों से गूंजता रहा। कैलाश महादेव पर परंपरागत मेला लगा। यहां भोर से देररात तक पूजा-अर्चना का दौर चला और श्रद्धालुओं का रैला उमड़ा। कांवडि़यों को भी यहां भीड़ रही। पुलिस-प्रशासन के साथ मंदिर के पुजारी भी व्यवस्थाओं में जुटे रहे। मेला में लोग झूलों व पकवानों का लुत्फ लेते रहे। खरीदारी भी खूब हुई।

सोमवार को तड़के ही सिकंदरा स्थित कैलाश मंदिर पर भक्तों की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई। हर-हर महादेव और बम-बम भोले की के घोष गूंजने लगे। इससे पहले मंदिर में भोलेनाथ के श्रृंगार किए गए और आरती उतारी गई। फिर मंदिर के कपाट दर्शन के लिए खोल दिए गए। भोलेनाथ का जल, गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी आदि से अभिषेक के लिए भक्त उमड़ पड़े। विल्वपत्र, धतूरा आदि अर्पित कर महादेव से खुशहाली की कामना की गई। कैलाश मंदिर, मेला परिसर और यमुना के घाटों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात रहा। रात 11 बजे रुद्राभिषेक किया गया। अभिषेक के बाद आरती हुई और रात 12 बजे मंदिर के पट बंद किए गए। व्यवस्थाओं में महंत महेश गिरि, गौरव गिरि, विनोद गिरि, निर्मल गिरी आदि ने योगदान किया। भोले के भक्तों ने मेला के मौके पर जगह-जगह भंडारे किए। शर्बत बांटा गया। सुबह से शाम तक स्टॉलों पर भीड़ रही।

पुलिस रही सतर्क

मेला में व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस सतर्क रही। यमुना पर बैरीकेडिंग तो लगाई ही गई थी, नदी में किसी को उतरने नहीं दिया गया। किनारे पर ही यमुना जल से स्नान के उचित इंतजाम किए गए थे।

कई किमी पैदल चलकर पहुंचे

-कैलाश मेले को लेकर पुलिस ने हाईवे पर डाइवर्जन किया था। बोदला की तरफ से आने वाले वाहनों को ओवरब्रिज पर चढ़ने से रोका गया। वहीं खंदारी की तरफ से आने वाले वाहनों को गुरुद्वारा से आगे नहीं आने दिया गया। इससे श्रद्धालुओं को कई किमी पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचना पड़ा। इससे महिलाओं, बुजुर्गो व बच्चों को परेशानी हुई।

दूरदराज से आए लोग

-कैलाश मंदिर पर मेला देखने के लिए दूरदराज से लोगों की भीड़ उमड़ी। हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। मेला में सभी तरह की स्टॉल लगाई गईं। क्रॉकरी, बर्तन, हलवाई, बच्चों के खेल-खिलौने, झूले सभी कुछ मौजूद था। कांच का सामान और मिट्टी के बर्तन ग्रामीण लोगों की पसंद बने। लोगों ने हलवाई की दुकानों से जलेबी का भी भरपूर स्वाद चखा।

सिकंदरा में निश्शुल्क प्रवेश

-कैलाश मेला के अवसर पर सिकंदरा स्मारक में प्रवेश निश्शुल्क रहा। इसके चलते यहां दिनभर भीड़ उमड़ी। मेले में आए लोग स्मारक देखने भी पहुंचे। सावन के चौथे सोमवार (12 अगस्त) को भी सिकंदरा में प्रवेश निश्शुल्क रहेगा।

झूलों पर रही बच्चों की भीड़

- मेला में सिकंदरा से कैलाश मंदिर तक रोड के दोनों ओर खानपान व सामान की दुकानें तो सजी ही थीं, छोटे-बडे़ झूले भी लगे थे। झूलों पर बच्चों की भीड़ अधिक रही।

Posted By: Inextlive