भूख से 32 रोहिंग्या ने समुद्र के बीच अपनी जान गंवा दी है। वह समुद्र के रास्ते जहाज से मलेशिया जा रहे थे।

ढाका (रॉयटर्स)बांग्लादेश में पानी के जहाज पर भूख से कम से कम 32 रोहिंग्या की मौत हो गई है। वह जहाज रोहिंग्या को मलेशिया लेकर जा रहा था। बांग्लादेश कोस्ट गार्ड के अधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 396 लोगों को बचा लिया गया है। बता दें कि सालों से, म्यांमार के रोहिंग्या दक्षिण-पूर्व एशिया में शरण पाने की उम्मीद में तस्करों द्वारा चलाए जा रहे नावों पर सवार होकर निकलते हैं, आमतौर पर यह लोग नवंबर से मार्च तक सूखे मौसम के दौरान यात्राएं करते हैं, जब पानी शांत होता है। एक मानवाधिकार समूह ने कहा कि यह माना जा रहा है कि मुस्लिम-अल्पसंख्यक रोहिंग्या को ले जाने वाली अधिक नौकाएं समुद्र में फंसी हुई हैं, मलेशिया व थाईलैंड में कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण उन्हें शरण पाना मुश्किल हो गया है।

रोहिंग्या को यूएन शरणार्थी एजेंसी को सौंप दिया जाएगा

इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बांग्लादेश कोस्टगार्ड के एक अधिकारी ने कहा, 'वे लगभग दो महीने के लिए समुद्र में थे और भूख से मर रहे थे। बुधवार देर रात जहाज को किनारे लाया गया।' अधिकारी ने कहा कि बचे 396 लोगों को यूएन शरणार्थी एजेंसी को सौंप दिया जाएगा। इससे पहले अधिकारी ने कहा था कि उन्हें म्यांमार भेजा जाएगा। वीडियो फुटेज में ज्यादातर महिलाओं व बच्चों की भीड़ देखी जा रही है, कुछ तो खड़े होने में भी असमर्थ, जिन्हें किनारे पर ले जाने में मदद की जा रही है। वहीं, एक कमजोर आदमी रेत पर लेट गया है। एक शरणार्थी ने एक रिपोर्टर को बताया कि समूह को दो बार मलेशिया से वापस लाया गया था और एक पॉइंट पर यात्रियों व चालक दल के बीच लड़ाई छिड़ गई थी।

भूख के मारे कमजोर हो गए हैं लोग

यूएन शरणार्थी एजेंसी ने अपने बयान में कहा, 'हम समझते हैं कि ये पुरुष, महिलाएं और बच्चे लगभग दो महीने से समुद्र के बीच हैं और उनमें से कई भूख के मारे बेहद कुपोषित और कमजोर हो गए हैं। हम इन लोगों को क्वारंटीन मने भेजने की तैयारी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स का मानना है कि समूह वायरस से संक्रमित है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है।' बौद्ध-बहुल म्यांमार रोहिंग्या को नागरिकों के रूप में मान्यता नहीं देता है और साथ ही उन्हें देश में आंदोलन की स्वतंत्रता के साथ-साथ स्वास्थ्य व शिक्षा पर गंभीर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है।

Posted By: Mukul Kumar