-अकाल के समय भी हरा-भरा रहता है वृक्ष

-संतान प्राप्ति के लिए लोग करते हैं इस वृक्ष की पूजा

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के अर्थ डे के तहत शुरू हुए कैंपेन डॉक्युमें'ट्री' में आज हम आपको बरगद के बारे में बता रहे हैं. यह पेड़ अब विलुप्त होने की कगार पर है जबकि यह धार्मिक और औषधीय दोनों ही तरह से बहुत महत्वपूर्ण है. बरगद का वृक्ष एक दीर्घजीवी विशाल वृक्ष है. हिन्दू परंपरा में इसे पूज्य माना जाता है. यक्षों के राजा मणिभद्र से वटवृक्ष उत्पन्न हुआ है.

यह है धार्मिक महत्व

ऐसा मानते हैं इसके पूजन से और इसकी जड़ में जल देने से पुण्य प्राप्ति होती है. यह वृक्ष त्रिमूर्ति का प्रतीक है. इसकी छाल में विष्णु, जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव का वास माना जाता है. जिस प्रकार पीपल को विष्णु जी का प्रतीक माना जाता है, उसी प्रकार बरगद को शिव जी माना जाता है. यह प्रकृति के सृजन का प्रतीक है. इसलिए संतान के इच्छित लोग इसकी विशेष पूजा करते हैं. यह बहुत लम्बे समय तक जीवित रहता है, अत: इसे अक्षयवट भी कहा जाता है.

स्वास्थय के लिए भी फायदेमंद

-इसकी छाया सीधे मन पर असर डालती है और मन को शांत बनाये रखती है.

-अकाल में भी यह वृक्ष हरा भरा रहता है. अत: पशुओं को इसके पत्ते और लोगों को इसके फल पर निर्वाह करना सरल होता है.

-इसकी छाल और पत्तों से औषधियां भी बनाई जाती हैं

साइंटिफिक नेम- क्रिटिवा रेलिजियोसा

लोकल नेम- वरुण

संस्कृत में नाम- अश्मरीघ्न, अजापा, कुमारक

इंग्लिश नेम- थ्री लीव्ड केपर, हॉली गार्लिक पियर

1 पेड़ लगा है कैंट स्थित सेंट मारिया स्कूल के पास

60 साल पुराना है यह पेड़

25-30 फुट ऊंचा होता है यह पेड़

विलुप्त होती प्रजाति

बरेली कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर आलोक खरे बताते हैं कि वरुण के वृक्ष उत्तर भारत में बड़ी संख्या में पाए जाते थे, लेकिन आज यह विलुप्त होने के कगार पर है. बरेली की बात करें तो एक पेड़ कैंट स्थित सेंट मारिया स्कूल के पास है. इसके अलावा कैंट एरिया में इस प्रजाति के एक-दो और पेड़ हो सकते हैं.

छाल और पत्तियों से बनता है काढ़ा

वरुण वृक्ष की छाल और पत्तियों का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. काढ़े के साथ ही इसकी छाल का उपयोग चूर्ण के रूप में भी किया जाता है.

औषधीय गुण

धार्मिक महत्व

अपील

- हमारे इस कैंपेन में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रीडर भी हिस्सा बन सकते हैं. अगर आपका किसी पेड़ से खास लगाव है तो उसके साथ एक सेल्फी लेकर हमें भेजें. साथ ही सौ शब्दों में उस लगाव का कारण भी बताएं. और अगर शहर के किसी पेड़ के बारे में आपकेपास कोई रोचक जानकारी है तो हमें फोटो के साथ भेजें, हम उसे अपने न्यूजपेपर में पब्लिश करेंगे.

- अगर किसी के घर, मोहल्ले या जानकारी में ऐसा कोई पेड़ हो, जिसके सामने उनकी कई पीढ़ी निकल गई हो तो उसके साथ भी आप सेल्फी भेज सकते हैं.

Posted By: Radhika Lala