- अर्निग से संबंधित लुभावने विज्ञापनों से रहे एलर्ट

- घर में टावर लगवाने के नाम पर करते हैं लाखों की ठगी

- प्रीतम नगर की प्रीति हुई शिकार, गवां बैठी 56 हजार

ALLAHABAD: घर पर टावर लगवाएं, लाखों पाएं या फिर हजारों की नौकरी पाएं जैसे न्यूज पेपर में पब्लिश होने वाले विज्ञापनों पर आपकी नजर तो गई ही होगी। अगर देखा है तो ठीक है पर इन लुभावने विज्ञापनों के छलावे में बिल्कुल नहीं आइएगा। वर्ना अपनी जीवन भर की जमा पूंजी से हाथ धो बैठेंगे। कैसे? आइए आपको एक रियल स्टोरी से रूबरू कराते हैं ताकि आप अभी से ही ऐसे ठगों से एलर्ट हो जाएं।

सीनियर सिटीजन हैं महिला

प्रीति घोष सीनियर सिटीजन हैं। वह अपने रिटायर्ड पति के साथ प्रीतम नगर एरिया में रहती हैं। ख्ख् मार्च को एक न्यूज पेपर में छपे लुभावने विज्ञापन देखकर खुश हो गई। टावर ग्रुप को मिला है सिर्फ घर पर टॉवर लगवाने का ठेका। घर बैठे कमाएं ब्भ् हजार रुपए महीना। इस विज्ञापन के चक्कर में फंस कर वो अपना भ्म् हजार रुपए गंवा बैठीं। लेकिन न तो टावर लगा और ना ही उन फ्राड करने वालों का कोई सुराग ही मिला। अब तीन दिन से रिपोर्ट लिखाने के धूमनगंज पुलिस स्टेशन का चक्कर लगा रही हैं। प्रीति ने बताया कि एक दिन उन्होंने न्यूज पेपर में विज्ञापन देखा तो सोचा क्यों न घर में टावर लगवा लें। उस विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर 8ब्ब्79क्फ्7ब्8 पर कॉल किया। उधर से फोन रिसीव हुआ। उन्होंने प्रीति से कहा कि वह परेशान न हों। घर में उनके टावर लग जाएगा। इसके लिए बस उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

शुरू हो गया खेल

फोन करने वालों ने अपना नाम समीर और राहुल गुप्ता बताया था। दोनों बार-बार प्रीति को फोन से बात कर अपने झांसे में लेने में लगे थे। आखिरकार वह सफल हो गए। प्रीति ने उनकी बातों में आकर क्क्00 रुपए उनके बैंक एकाउंट में रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर जमा किया। फिर राहुल और समीर ने कहा कि टावर लगवाने के लिए कुछ खर्चे चाहिए। उसके लिए सर्वे करना होगा। यह रुपए आपको बाद में मिल जाएगा। इसके लिए आपको ख्ब्9ख्0 रुपए जमा करना होगा। प्रीति ने एक बार फिर गलती की। ख्भ् हजार रुपए पुन जमा कर दिया।

क्ब् लाख चेक का लालच

हजारों रुपए जमा करने के बाद भी प्रीती के मकान में टावर नहीं लगा। जबकि विज्ञापन में रुपए जमा करने की बात नहीं लिखी थी। फिर उन्होंने समीर से फोन पर बात की। समीर ने कहा कि वह इसके लिए आपको क्ब् लाख रुपए का चेक एडवांस में देंगे। लेकिन प्राब्लम यह है कि आपका सेविंग एकाउंट हैं। उसमें अभी क्ब् लाख रुपए जमा करेंगे तो आप फंस जाएगी। फिर उसने और रुपए जमा करने के लिए कहा। इस बार उसने प्रीती को झांसा देते हुए अपने बच्चे की कमस खाई। कहा कि वह अपने बच्चे की कसम खा रहा है। इस बार रुपए जमा कर दीजिए। टावर लग जाएगा। एक और प्रीती उसके मायाजाल में फंस गई और रुपए जाम कर दिए। इस तरह से उन्होंने चार बार में टोटल भ्म् हजार रुपए टावर लगवाने के नाम पर जमा कर लुट गई।

अब थाने का लगा रही हैं चक्कर

लुट चुकी प्रीति को अब अपनी गलती का एहसास हो चुका है। लेकिन बहुत देर हो चुकी है। ठगों का अब तक पता नहीं चला। हैरान परेशान प्रीति धूमनगंज पुलिस स्टेशन पहुंची। वहां पर पुलिस से बात की और रिपोर्ट दर्ज करने के लिए अपनी तहरीर दे दीं। लेकिन उन्हें कोई रिसीविंग नहीं मिला। अगले दिन एक बार फिर से वह थाने गई। पता चला कि अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुआ है। बुधवार को वह इस मामले में शिकायत करने एएसपी सचिन्द्र पटेल से मिलने पहुंची। पुलिस आफिसर ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस केस में मदद करेंगे। हालांकि अभी तक इस केस में रिपोर्ट दर्ज नहीं हुआ।

एलर्ट ही बचाव

-न्यूज पेपर में टावर लगवाने के नाम पर निकलता है विज्ञापन

-किसी मोबाइल कंपनी या हिन्दुस्तान टावर के नाम पर विज्ञापन

-घर बैठे कमाएं ब्0-भ्0 हजार रुपए का लुभावना विज्ञापन

-असली और नकली का फर्क भी बताते हैं ये ठग

-पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर शुरू करते हैं अपना खेल

-लकी ड्रा के नाम पर मैसेज या ई-मेल भी भेजते हैं

-जो लोग लालच में फंसते हैं वही बनते हैं शिकार

-रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी नहीं पकड़े जाते ठग

-टीवी और न्यूज पेपर में चेहरा पहचानो के नाम पर भी होता है खेल

Posted By: Inextlive