साइबर शातिरों का नया पैंतरा बच्चों को हथियार बनाकर भेज रहे मैसेज बच्चे के स्कूल में मौजूद रहने के दौरान पैरेंट्स के पास पहुंचा मैसेजसेंट जोसेफ स्कूल के बच्चों को किया टारगेट स्कूल ने 6000 पैरेंट्स को किया सावधानबचाने को बचाने के नाम पर 25 हजार रुपये की डिमांड

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर के स्कूलों या कॉलेजों में बच्चों के अभिभावकों के लिए एक सनसनीखेज खबर है। छात्रों के अभिभावक साइबर ठगी करने वाले गैंग के निशाने पर आ चुके हैं। शातिर साइबर ठगों ने बड़े पैमाने पर स्कूल के बच्चों के पैरेंट्स का नंबर हासिल कर लिया है और उनके पैरेंट्स को ठीक उस वक्त टारगेट कर रहे हैं जब बच्चा स्कूल में होता है। ऐसा प्रकरण शहर के सबसे प्रतिष्ठित सेंट जोसेफ कॉलेज में सामने आया है। यहां बुधवार को कई बच्चों के पैरेंट्स साइबर शातिर के मैसेज के साथ स्कूल पहुंच गये। यह सुनकर स्कूल मैनेजमेंट के कान खड़े हो गये। उन्होंने बच्चों से कॉमनली पूछा तो पता चला कि क्लास छठीं तक के बच्चे के पैरेंट को टारगेट किया गया है और एक दर्जन से अधिक के पास ऐसा मैसेज पहुंच चुका है। इस पर स्कूल के प्रिंसिपल ने पैरेंट की लिखित कम्प्लेंट लेकर सिविल लाइंस थाने को सौंप दी और अपनी तरफ से सभी करीब छह हजार छात्रों के पैरेंट्स को मैसेज भेजकर साइबर शातिरों की करतूत बताकर उन्हें सावधान किया।

6000 पैरेंट्स को स्कूल ने किया सतर्क
सिविल लाइंस सेंट जोसेफ कॉलेज में हजारों छात्र पढ़ते हैं। बुधवार को एक पैरेंट प्रिंसिपल के पास पहुंची और बताया कि उनके पास मैसेज आया है कि बच्चा रेप केस में फंस गया है। उसे जेल जाने से बचाने के लिए 25 हजार रुपये की मांग की गयी है। यह सुनकर फादर थामस ने क्लास को चेक किया तो पता चला कि बच्चा तो स्कूल में है। इसके बाद महिला ने राहत की सांस ली। कुछ ही देर बीते थे कि ऐसे कई और अभिभावक इसी से मिलती जुलती शिकायत लेकर पहुंच गये। एक पेरेंट ने तो यहां तक बताया कि उन्होंने एक मुश्त ट्रांसफर करने के लिए 25 हजार रुपये न होने की बात कही तो कॉल करने वाला भड़क गया। वह गाली गलौज पर उतर आया। क्लास छठीं के एक बच्चे ने बताया कि उसके पैरेंट को बताया गया कि आपके बच्चे के नाम नोटिस जारी हो चुका है। पुलिस उसे चालान करके जेल भेज देगी। तत्काल पैसा ट्रांसफर कर देंगे तो बच्चा बच जाएगा। एक के बाद एक करके कई केस सामने आये तो फादर थामस के कान खड़े हो गये और उन्होंने प्रिकॉशनरी कदम उठा लिया।

पुलिस को बुलाकर दी सूचना
फादर ने शिकायत करने वालों से रिटेन कम्प्लेंट ली और एसओ सिविल लाइंस को बुलाकर कवर नोट के साथ पूरी शिकायत उन्हें सौंप दी। बगैर देर किए हर क्लास में अनाउंस करके पूरा मैसेज सभी छात्रों के साथ टीचर्स को बता दिया गया। पैनिक से बचाने के लिए बच्चों के साथ उनके पैरेंट्स की स्कूल में काउंसिलिंग करायी गयी। खास बात यह थी कि साइबर शातिरों ने किसी को कॉल किया था तो किसी को मैसेज किया था। जिस नंबर से मैसेज आया उसकी डीपी में पुलिसवाले की वर्दी में एक साउथ इंडियन एक्टर की फोटो लगी हुई थी।

प्लस 92 व प्लस 46 से रहें सतर्क
अभिभावकों के मोबाइल चेक किये गये तो पता चला कि सभी के पास या तो प्लस 92 या फिर प्लस 46 नंबर से कॉल या मैसेज पहुंचा है। यह दोनो इंडिया के नहीं हैं। साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि इन नंबर से सावधान रखने की जरूरत है क्योंकि इंडिया का नंबर होगा तो प्लस 11 ही शो करेगा।

कॉल पर मिसविहैव कर रहे शातिर
यह पता चलने के बाद कि मैसेज फर्जी तो कई अभिभावकों के जरिए उस नंबर पर कॉल किया गया जिससे फेक मैसेज भेजा गया था। कॉल रिसीव करते ही साइबर फ्राड मिसविहैव शुरू कर दिए। उनके जरिए यहां तक कहा कि जो कर सको कर लो। जीवन में उन्हें नहीं खोज पाओगे। कुछ ने तो बताया कि यह शातिरों ने कहा कि तुम नहीं कोई और फंसेगा।

छात्रों की रेकी कर रहे साइबर ठग?
इस घटना एक सवाल जो लोगो के जेहन में उठ रहा है वह काफी अहम और गंभीर है। कहना है कि क्या स्कूल व कॉलेजों में पढ़ रहे विद्यार्थियों का साइबर ठग रेकी कर रहे हैं। उनका प्रश्न यह भी कि आखिर स्कूल में पढ़ रहे छात्रों की डिटेल व उनके अभिभावकों का नंबर उन तक कैसे पहुंच रहा है। इन सवालों का जवाब अब हर कोई इसलिए भी जानना चाहता है कि आखिर साइबर ठगों को कैसे पता कि उनका बच्चा सेंट जोसेफ में ही पढ़ता है।

मामला संज्ञान में आया है। स्कूल में पढऩे वाले सभी स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को मैसेज भेज कर अलर्ट कर दिया गया है। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर सूचना के बाद आए थे। उन्हें इस मामले की पूरी सूचना दे दी गई है। अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
फादर थामस प्रिंसिपल, सेंट जोसेफ स्कूल एंड कॉलेज

Posted By: Inextlive