प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में दिल्‍ली के मॉनेकशॉ ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में स्‍कूली बच्‍चों से कहा कि हमें रोबोट बनने से बचना है। हमारा जीवन रोबोट जैसा बनता जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि हमारे भीतर संवेदनाएं होनी चाहिए। संवेदनाएं कला साधना से आती है। पीएम ने कहा कि हर व्‍यक्ति के जीवन को बनाने में मां और शिक्षक का अहम योगदान होता है। मां जन्‍म देती है गुरु जीवन देता है। बता दें कि देश में पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। लेकिन देशभर के स्‍कूलों में जन्‍माष्‍टमी की छुट़टी होने के चलते इसको शुक्रवार को ही आयोजित किया गया।


टीचर कभी रिटायर नहीं होता कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि शिक्षक कभी उम्र से बंधा नहीं होता, वह कभी रिटायर भी नहीं होता है। उन्होंने डॉ अब्दुल कलाम को याद करते हुए कहा कि उनसे जब पूछा गया कि आपको लोग कैसे याद रखें, तो उन्होंने कहा था कि लोग मुझे टीचर के तौर पर याद रखें। पीएम ने कहा कि यह मात्र उनके शब्द नहीं थे, बल्कि अपने जीवन में उन्होंने इसको उतारा भी। जीवन के आखिरी पलों के दौरान भी वह विधार्थियों के साथ रहे थे। देशभर से बच्चों ने पूछे सवाल
पीएम मोदी ने कहा, विद्यार्थी और शिक्षक के जीवन में अपनत्व का भाव हमें जीवन जीने की कला भी सिखाती है। उन्होंने कहा कि टीचर एक कुम्हार की तरह हमारे जीवन को संवारता है। हमारी कोशिश है कि टीचर्स डे जैसे प्रेरक पर्व को हमारी व्यवस्थाओं में प्राण कैसे लाए जाएं। इसके लिए हम कोशिश कर रहे हैं।प्रोग्राम में स्टेडियम में जहां करीब आठ सौ से ज्यादा बच्चे मौजूद रहे हैं, वहीं दूसरी तरह देशभर के स्कूलों में भी वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा पीएम की स्पीच दिखाए जाने की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान देशभर के बच्चों ने उनसे सवाल भी पूछे। सम्मान में जारी किया गया सिक्का


इस मौके पर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सभी विद्याथियों का आह़वान करते हुए कहा कि सपने देखिए, संकल्प लीजिए और शुरुआत कीजिए। बच्चों और टीचरों से चर्चा के अलावा पीएम इस समारोह के दौरान डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में एक खास सिक्का भी जारी किया। साथ ही, स्कूलों में कला को बढ़ावा देने के लिए वो कला उत्सव नाम की एक वेबसाइट को भी लॉन्च किया।

Posted By: Satyendra Kumar Singh