- कलाकारों के बेजोड़ परफामर्ेंस से हंसी और खिलखिलाने का सिलसिला प्ले के आखिर तक जारी रहा।

- मयूर रंगमंच द्वारा एनसीजेडसीसी में हुआ नाटक का मंचन

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PRAYAGRAJ:

बुजुर्ग बाछाराम की बगिया पर गांव के जमींदार की बुरी नजर थी। बगिया को हड़पने की चाह लिए जमींदार की मौत हो गई। मरकर भूत बनने के बाद भी वह बगिया को हड़पने का प्रयास करता रहा। कलाकारों के बेजोड़ परफामर्ेंस से हंसी और खिलखिलाने का सिलसिला प्ले के आखिर तक जारी रहा। मयूर रंगमंच के बैनर तले एनसीजेडसीसी में आयोजित नाटक मंचन में कलाकारों ने दर्शकों को जमकर गुदगुदाया। डायरेक्टर शशिकांत वर्मा के निर्देशन में कलाकारों ने नाटक का मंचन किया।

दर्शकों ने लगाये जमकर ठहाके

हास्य रस से भरपूर प्ले की शुरुआत छेकारी गांव के बूढ़े किसान बाछाराम द्वारा बगिया और पुत्र की देखभाल के साथ हुई। बगिया को जमींदार हड़पना चाहता था। और यही चाह लिए उसकी मौत हो गई। जमींदार के बेटे नौकोरी ने बाछाराम को लालच दिया कि जब तक बाछाराम जीवित रहेगा उसे 5 हजार रुपए प्रतिमाह देगा और जब बाछाराम की मौत हो जाएगी तो बगिया उसकी हो जाएगी। इस पूरे मंचन में घटनाक्रम को इस तरह से प्रस्तुत किया गया कि दर्शकों ने जमकर ठहाके लगाए।

Posted By: Inextlive